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उद्धव ने CM शिंदे पर साधा निशाना , कहा - शिवसेना कोई खुले में रखी चीज नहीं कि कोई उसे उठा ले जाए

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे धड़े पर परोक्ष रूप से प्रहार करते हुए शनिवार को कहा कि यह पार्टी खुले में रखी कोई चीज नहीं है कि उसकी विरासत पर दावा कर कोई उसे उठा ले जाए।

09:32 AM Aug 14, 2022 IST | Ujjwal Jain

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे धड़े पर परोक्ष रूप से प्रहार करते हुए शनिवार को कहा कि यह पार्टी खुले में रखी कोई चीज नहीं है कि उसकी विरासत पर दावा कर कोई उसे उठा ले जाए।

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे धड़े पर परोक्ष रूप से प्रहार करते हुए शनिवार को कहा कि यह पार्टी खुले में रखी कोई चीज नहीं है कि उसकी विरासत पर दावा कर कोई उसे उठा ले जाए।शिवसेना की साप्ताहिक पत्रिका ‘मार्मिक’ के 62वें स्थापना दिवस पर उन्होंने कहा कि शिवसेना की बुनियाद ‘बहुत गहरी और मजबूत’ है। इस पत्रिका की शुरुआत 1960 में उनके पिता बाल ठाकरे ने की थी।
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उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘‘कुछ लोग सोचते हैं कि शिवसेना खुली में रखी चीज है जिसे वे उठाकर ले जा सकते हैं।’’शिंदे के साथ मिलकर बड़ी संख्या में शिवसेना के विधायकों के बगावत करने के बाद ठाकरे को जून में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। उसके बाद शिंदे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थन से 30 जून को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना की बुनियाद गहरी एवं मजबूत है तथा कोई भी इस पार्टी पर दावा नहीं कर सकता है।
शिवसेना के उद्धव ठाकरे धड़े का बागी शिंदे धड़े के साथ राजनीतिक टकराव चल रहा है। शिंदे धड़ा दावा करता है कि वही बाल ठाकरे की ‘असली’ शिवसेना है। शिंदे धड़े ने शिवसेना के चुनाव निशान ‘तीर-धनुष’ पर दावा किया है और अब यह मामला चुनाव आयोग के सामने है।
उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘‘शिवसेना के बीज ‘मार्मिक’ द्वारा बोये गये थे, क्योंकि 62 साल पहले उसमें प्रकाशित कार्टूनों ने अशांत मस्तिष्कों को आवाज दी थी। कोई भी व्यक्ति कल्पना कर सकता है कि यदि शिवसेना नहीं होती तो महाराष्ट्र में मराठी लोगों और भारत में हिंदुओं के साथ क्या हुआ होता।’’बाल ठाकरे ने 1960 में बतौर राजनीतिक कार्टूनिस्ट के तौर पर ‘मार्मिक’ पत्रिका शुरू की थी। इसे शिवसेना के लांच पैड के रूप में देखा जाता है। शिवसेना 1966 में अस्तित्व में आयी।
उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘‘भारत आजादी के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है लेकिन वर्तमान स्थिति को देखकर किसी को भी आश्चर्य हो सकता है कि क्या हम दासता के दिनों में लौट रहे हैं।’’उन्होंने क्षेत्रीय दलों को लेकर भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा के बयान को ‘लोकतंत्र के लिए खतरा’’ बताया। नड्डा ने हाल में कहा था कि भाजपा जैसी विचारधारा आधारित पार्टी ही टिकी रहेगी, जबकि परिवारों द्वारा संचालित पार्टियों का अंत हो जाएगा।उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘‘शिवसेना का अस्तित्व कभी खत्म नहीं होगा।’’
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