उद्धव ठाकरे ने निर्वाचन आयोग से चुनाव चिन्ह और नाम जल्द आवंटित करने की अपील की
शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने रविवार को निर्वाचन आयोग से अपील की कि वह उनके नेतृत्व वाले धड़े द्वारा सुझाए गए तीन चुनाव चिह्न और नाम में से एक पर जल्द अंतिम निर्णय ले।
10:53 PM Oct 09, 2022 IST | Shera Rajput
शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने रविवार को निर्वाचन आयोग से अपील की कि वह उनके नेतृत्व वाले धड़े द्वारा सुझाए गए तीन चुनाव चिह्न और नाम में से एक पर जल्द अंतिम निर्णय ले।
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तीन नवंबर को अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के मद्देनजर ठाकरे ने आयोग से यह अपील की है।
निर्वाचन आयोग ने अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में शिवसेना के उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे नीत दोनों गुटों के पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न का उपयोग करने पर शनिवार को पाबंदी लगा दी थी।
रविवार को ऑनलाइन संबोधन में ठाकरे ने आयोग के इस कदम को ‘‘अन्याय’’ करार दिया।
ठाकरे ने कहा, ‘‘मैं निर्वाचन आयोग से मेरी पार्टी के लिए जल्द से जल्द एक चुनाव चिह्न और नाम को अंतिम रूप देने की अपील करता हूं क्योंकि हमें लोगों के पास जाना है और उपचुनाव का सामना करना है। मैं आयोग के फैसले से स्तब्ध हूं, लेकिन मेरा विश्वास नहीं डगमगाया है और शिवसेना समर्थकों पर भी मेरा भरोसा कायम है।’’
पार्टी के दोनों गुटों द्वारा नाम और चुनाव चिन्ह पर दावा किए जाने की पृष्ठभूमि में एक अंतरिम आदेश जारी कर निर्वाचन आयोग ने दोनों से कहा था कि वे सोमवार तक अपनी-अपनी पार्टी के लिए तीन-तीन नए नाम और चुनाव चिन्ह सुझाएं।
आयोग दोनों गुटों द्वारा सुझाए गए नामों और चुनाव चिह्नों में से उन्हें किसी एक का उपयोग करने की अनुमति देगा।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनके खेमे ने आयोग की अनुमति प्राप्त करने के लिए तीन नाम सुझाए हैं, जिनमें ‘शिवसेना बालासाहेब ठाकरे’, ‘शिव सेना बालासाहेब प्रबोधनकर ठाकरे’ और ‘शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे’ शामिल है।
प्रबोधंकर ठाकरे, उद्धव ठाकरे के दिवंगत दादा थे, जो एक समाज सुधारक और 1950 के दशक में ‘संयुक्त महाराष्ट्र’ आंदोलन के अगुवा नेताओं में शामिल थे।
उन्होंने कहा कि उनके खेमे ने निर्वाचन आयोग को अपने चुनाव चिह्न के लिए त्रिशूल, उगता सूरज या मशाल के रूप में तीन विकल्प सुझाए हैं।
उद्धव ठाकरे ने अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हमेशा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आपातकाल लागू करने के फैसले को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधती है।
ठाकरे ने कहा, ‘‘हालांकि, न तो इंदिरा गांधी ने शिवसेना को खत्म करने की कोशिश की और न ही कांग्रेस के नेतृत्व वाली किसी अन्य सरकार ने शिवसेना के खिलाफ इतना कठोर कदम उठाया।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के समर्थन से पद पाने वाले 40 बागी नेताओं को उनकी जरूरत खत्म होने पर ‘‘शराब की खाली बोतल की तरह फेंक दिया जाएगा।’’
ठाकरे ने कहा, ‘‘गद्दारों ने पहले धोखे से मेरी कुर्सी छीनी और शिवसेना तथा इसकी विरासत को हथियाने का प्रयास किया। अब उन्होंने इसके चिन्ह (तीर-कमान) पर पांबदी सुनिश्चित की।’’
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