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समझौते के मूड में नहीं उद्धव, बोले- ‘धनुष-बाण’ शिवसेना का है और हमेशा रहेगा

उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव कराने की मांग करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का 11 जुलाई को आने वाला फैसला शिवसेना ही नहीं, बल्कि भारतीय लोकतंत्र का भविष्य भी तय करेगा।

03:37 PM Jul 08, 2022 IST | Desk Team

उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव कराने की मांग करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का 11 जुलाई को आने वाला फैसला शिवसेना ही नहीं, बल्कि भारतीय लोकतंत्र का भविष्य भी तय करेगा।

महाराष्ट्र की सत्ता में हुए परिवर्तन के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पहली बार जनता के सामने आए। उन्होंने राज्य में मध्यावधि चुनाव कराने की मांग करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का 11 जुलाई को आने वाला फैसला शिवसेना ही नहीं, बल्कि भारतीय लोकतंत्र का भविष्य भी तय करेगा। इसके साथ ही उन्होंने साफ़ किया कि ‘धनुष और बाण’ शिवसेना का है और हमेशा रहेगा।
उद्धव ने की मध्यावधि चुनाव कराने की मांग
उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सुप्रीम कोर्ट का 11 जुलाई का फैसला सिर्फ शिवसेना का ही नहीं बल्कि भारतीय लोकतंत्र का भविष्य भी तय करेगा। उन्होंने कहा कि आज राज्य में चुनाव हो जाने दीजिए, देखते हैं कि जनता क्या सोचती है कि कौन गलत है या कौन सही? 
पूर्व सीएम ठाकरे ने कहा, शिवसेना के चुनाव चिन्ह धनुष-बाण को लेकर भी विवाद है। मैं हर शिवसैनिक से कहना चाहता हूं कि इसे कोई नहीं ले सकता। कहा जा रहा है कि हमारा निशान चला गया। ऐसा नहीं है। कोई भी हमसे हमारा प्रतीक नहीं ले सकता।
शिवसेना की मदद से बड़े बने लोग शिवसेना के साथ
ठाणे और नवी मुंबई से पार्षदों के पक्ष बदलने की खबर पर उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘जो पार्षद एकनाथ शिंदे के साथ हैं, वे उनके साथ जुड़ रहे हैं। जो लोग शिवसेना की मदद से बड़े बने हैं, वे छोड़कर चले गए, लेकिन जिन लोगों ने शिवसेना को बड़ा बनाया वे अभी भी साथ हैं।’
गौरतलब है कि शिवसेना की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई है। इसमें राज्यपाल द्वारा शिंदे को सरकार बनाने का आमंत्रण देने के फैसले को चुनौती दी गई है। इस याचिका पर 11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। महाराष्ट्र में ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को हाल में वरिष्ठ नेता शिंदे की अगुवाई में विधायकों की बगावत का सामना करना पड़ा। 
पार्टी के अधिकतर विधायकों ने शिंदे का पक्ष लिया, जिससे महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई। उद्धव ठाकरे ने 29 जून को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और उसके एक दिन बाद शिंदे ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
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