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UF Fed Policy Meet: अमेरिका में ब्याज दरें 23 साल के उच्चतम स्तर 5.4 फीसदी पर बनी हुई हैं। दरें इस स्तर पर पिछले साल जुलाई से स्थिर हैं और ये पांचवी पॉलिसी समीक्षा रही है जिसमें दरों को स्थिर रखा गया है।
अमेरिका के फेडरल रिजर्व ने अपनी पॉलिसी समीक्षा में अनुमानों के अनुसार ही दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। हालांकि इस बात के संकेत दिए हैं कि अभी भी साल 2024 में दरों में 3 कटौती की गुंजाइश बनी हुई है। ये गुंजाइश उस स्थिति में भी बनी हुई है, जब साल 2024 के अंत में 2 फीसदी के महंगाई दर के लक्ष्य को पाने को लेकर भरोसा घट रहा है।
फेडरल रिजर्व के मुताबिक महंगाई दर अभी भी ऊंची बनी हुई है और संकेत हैं कि पर्सनल कंजम्पशन एक्सपेंडिचर प्राइस इंडेक्स जिसमें फूड और एनर्जी शामिल नहीं हैं, दिसंबर अंत तक 2.6 फीसदी पर पहुंच सकता है। दिसंबर 2023 में इसके 2.4 फीसदी पर पहुंचने का अनुमान था।
महंगाई दर को लेकर इन संकेतों के बाद भी फेड के 19 में से 10 अधिकारी मान रहे हैं कि साल 2024 के अंत तक ब्याज दरों में तीन चौथाई की कमी आ सकती है। ये अनुमान दिसंबर में सामने आया था और महंगाई में अनुमान से तेज बढ़त के बावजूद ये अभी भी कायम है। फिलहाल ब्याज दरें 23 साल के उच्चतम स्तर 5.4 फीसदी पर बनी हुई हैं। दरें इस स्तर पर पिछले साल जुलाई से स्थिर हैं और ये पांचवी पॉलिसी समीक्षा रही है जिसमें दरों को स्थिर रखा गया है।
फेडरल रिजर्व के फैसले के बाद अब नजर भारतीय रिजर्व बैंक पर है जिसकी पॉलिसी समीक्षा अगले महीने होनी है। मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट में अर्थशास्त्रियों का मानना है कि रिजर्व बैंक अगले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही से दरों में कटौती की शुरुआत कर सकता है। रिपोर्ट में IDFC फर्स्ट बैंक की अर्थशास्त्री गौरा सेनगुप्ता ने कहा कि महंगाई दर अनुमान के मुताबिक ही है और हम उम्मीद कर रहे हैं कि CPI रिजर्व बैंक के 4 फीसदी के लक्ष्य के करीब अगले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही से पहुंच जाएगी ऐसे में उम्मीद है कि रिजर्व बैंक अगस्त से दरों में कटौती की शुरुआत कर सकता है।
वहीं यस बैंक की अर्थशास्त्री शुभदा राव के मुताबिक रिजर्व बैंक दरों में कटौती से पहले मॉनसून की तस्वीर साफ होने का इंतजार कर सकता है। उनके मुताबिक दरों में कटौती में शुरुआत की संभावना अगस्त की पॉलिसी समीक्षा से है।