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यूक्रेन संकट : भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के आह्वान पर ध्यान नहीं देने पर खेद किया व्यक्त

भारत ने इस बात पर खेद व्यक्त किया है कि रूस-यूक्रेन तनाव को कम करने के लिए हाल में किये गए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के आह्वान पर ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने यह बात रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा पूर्वी यूक्रेन में एक ‘सैन्य अभियान’ शुरू करने की घोषणा के बाद कही।

11:42 PM Feb 24, 2022 IST | Shera Rajput

भारत ने इस बात पर खेद व्यक्त किया है कि रूस-यूक्रेन तनाव को कम करने के लिए हाल में किये गए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के आह्वान पर ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने यह बात रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा पूर्वी यूक्रेन में एक ‘सैन्य अभियान’ शुरू करने की घोषणा के बाद कही।

भारत ने इस बात पर खेद व्यक्त किया है कि रूस-यूक्रेन तनाव को कम करने के लिए हाल में किये गए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के आह्वान पर ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने यह बात रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा पूर्वी यूक्रेन में एक ‘सैन्य अभियान’ शुरू करने की घोषणा के बाद कही।
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संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने बुधवार देर रात रूस और यूक्रेन के बीच तनाव को तत्काल कम करने का आह्वान किया था और आगाह किया था कि स्थिति एक बड़े संकट की ओर बढ़ सकती है।
जयशंकर ने बोरेल से बात कर रूस पर यूक्रेन के हमले को लेकर उपजी ”गंभीर स्थिति” पर चर्चा की
इस बीच, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को विदेश मामलों और सुरक्षा नीति के लिए यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि जोसेप बोरेल से बात कर रूस पर यूक्रेन के हमले को लेकर उपजी ”गंभीर स्थिति” पर चर्चा की।
जयशंकर ने कहा कि इस बात पर भी चर्चा हुई कि भारत यूक्रेन में तनाव को कम करने में किस प्रकार योगदान दे सकता है।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ ईयू एचआरवीपी जोसेफ बोरेल का फोन आया । यूक्रेन की गंभीर स्थिति और भारत किस प्रकार तनाव कम करने के प्रयास में योगदान कर सकता है, इसके बारे में चर्चा की।’’
पंद्रह देशों की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने यूक्रेन संकट पर आपात वार्ता की। यह इस सप्ताह हुई दूसरी और 31 जनवरी के बाद हुई चौथी बैठक थी।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने परिषद को बताया कि भारत ने महज दो दिन पहले ही यूक्रेन पर परिषद की बैठक में तनाव को तत्काल कम करने का आह्वान किया था और स्थिति से संबंधित सभी मुद्दों को हल करने के लिए कूटनीति केन्द्रित प्रयासों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया था।
उन्होंने कहा, ‘‘ हालांकि, हमें खेद है कि तनाव दूर करने के लिए विभिन्न पक्षों द्वारा की गई पहल पर ध्यान देने के अंतरराष्ट्रीय समुदाय के आह्वान पर ध्यान नहीं दिया गया। स्थिति के एक बड़े संकट में तब्दील होने का खतरा बना है।’’
भारत ने मौजूदा घटनाक्रम पर अपनी ‘‘गहरी चिंता’’ व्यक्त की और कहा कि इसे अगर सावधानी से नहीं संभाला गया, तो यह क्षेत्र की शांति तथा सुरक्षा को कमजोर कर सकता है।
भारत ने तत्काल तनाव कम करने और ऐसी किसी भी कार्रवाई से बचने का आह्वान किया, जो स्थिति को और बदतर कर सकती हो।
रूस के हमले से उपजे वैश्विक आक्रोश के बीच भारत में यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा ने बृहस्पतिवार को कहा कि रूस के सैन्य आक्रमण के कारण उत्पन्न संकट पर भारत के रुख को लेकर उनका देश (यूक्रेन) ‘काफी असंतुष्ट’ है । साथ ही उन्होंने स्थिति को सामान्य बनाने के लिये भारत से समर्थन मांगा ।
भारत में यूक्रेन के राजदूत ने कहा कि रूस के साथ भारत के विशेष संबंध हैं और स्थिति को सामान्य बनाने के लिये वह अधिक सक्रिय भूमिका निभा सकता है।
PM मोदी उन कुछ गिने-चुने नेताओं में शामिल हैं जिनकी बात पुतिन सुनते हैं – यूक्रेन राजदूत
उन्होंने कहा कि प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी उन कुछ गिने-चुने नेताओं में शामिल शामिल हैं जिनकी बात रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सुनते हैं तथा नयी दिल्ली, मास्को के साथ इस निकटता का उपयोग स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिये कर सकती है।
राजदूत ने कहा कि संकट को लेकर भारत के रुख को यूक्रेन देख रहा है और इससे ‘काफी असंतुष्ट’ है।
उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब एक दिन पहले ही रूसी मिशन के उप प्रमुख रोमन बाबूश्किन ने कहा कि भारत एक जिम्मेदार वैश्विक शक्ति के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और उसने वैश्विक मामलों में ‘स्वतंत्र एवं संतुलित’ रुख अख्तियार किया है ।
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