Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

युद्ध के बीच यूक्रेन ने भारत से मांगी मदद, PM मोदी से की हस्तक्षेप की गुजारिश

भारत में यूक्रेन के राजदूत आइगोर पोलिखा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के साथ बातचीत करने की अपील की है

03:34 PM Feb 24, 2022 IST | Desk Team

भारत में यूक्रेन के राजदूत आइगोर पोलिखा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के साथ बातचीत करने की अपील की है

रूस के साथ चल रहे युद्ध के बीच यूक्रेन ने भारत से मदद की गुहार लगाई है। भारत में यूक्रेन के राजदूत आइगोर पोलिखा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के साथ बातचीत करने की अपील करते हुए कहा है कि रूस के साथ अच्छे संबंधों को देखते हुए भारत रूस-यूक्रेन के बीच तनावपूर्ण स्थिति नियंत्रित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
Advertisement
यूक्रेन पर रूस की सैनिक कार्रवाई की खबरों के बीच आइगोर पोलिखा ने नई दिल्ली में मीडिया से बातचीत में कहा कि रूस की सेना ने राजधानी कीव के आसपास के इलाकों पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन की सेना उसका जवाब दे रही है। पोलिखा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र  मोदी को पुतिन (रूसी राष्ट्रपति) से बात करनी चाहिए। 
उन्होंने कहा “रूस के साथ भारत के अच्छे संबंध हैं, वहां हालात नियंत्रण में करने में भारत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।” यूक्रेन के राजदूत ने कहा, “हमारी सेना मजबूत है, हमें कई देशों का समर्थन मिल रहा है।” उन्होंने दावा किया कि यूक्रेन ने रूस पांच लड़ाकू विमान और दो हेलिकॉप्टर मार गिराए हैं।
यूक्रेन के राजदूत ने कहा कि उनके देश की जनता अपनी सुरक्षा के लिए पूरी ताकत के साथ लड़ेगी। गौरतलब है कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने रूसी सेना को विदेशी धरती पर कार्रवाई भेजने के लिए संसद की अनुमति लेने के बाद कल एक वीडियो संदेश में कहा था कि रूस अपनी सुरक्षा के साथ समझौता नहीं करेगा। 

रूसी सैन्य अभियान के बाद यूक्रेन ने लगाया ‘martial law’, जानें क्या होता है मार्शल लॉ

इसके बाद रूसी सेना ने यूक्रेन पर कार्रवाई शुरू कर दी है। रूस ने यूक्रेन के पूर्वी क्षेत्र में अलगाववादी आंदोलन से प्रभावित दो प्रातों दोनेत्स्क और लुहान्स्क को दो दिन पहले स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दे दी है। समझा जाता है कि रूस की असली नाराजगी यूक्रेन को अमेरिका के नेतृत्व वाले उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के शामिल किए जाने की योजना से है।
रूस सरकार समझती है कि इससे नाटो का खतरा उसकी सीमा पर आ जाएगा। अमेरिका और यूरोप के उसके सहयोगियों ने यूक्रेन के प्रांतों को अलग देश के रूप में मान्यता देने को यूक्रेन पर आक्रमण करार देते हुए रूस के बैंकों और रणनीतिक कंपनियों पर तत्काल प्रभाव से आर्थिक पाबंदी लगा दी है।
Advertisement
Next Article