Ukrainian Drone Attack: गेम चेंजर निकला यूक्रेन! रूस को दे दिया तगड़ा झटका, बरसाए एक के बाद एक ड्रोन
Ukrainian Drone Attack: रूस-यूक्रेन के बीच लगभग साढ़े 3 साल से युद्ध जारी है। इस बीच अब यूक्रेन ने रूस पर हवाई आफत बरसाई है। रविवार रात तुअप्से बंदरगाह (ब्लैक सी तट स्थित) पर यूक्रेन की ओर से ड्रोन हमले किए गए है। रूसी एयर-डिफेंस यूनिट्स का दावा है कि उन्होंने इस दौरान कुल 164 यूक्रेनी ड्रोन हवा में ही मार गिराए। वहीं, क्षेत्रीय अधिकारियों ने बताया कि ड्रोन के कारण बंदरगाह के एक हिस्से में आग लग गई, जिसमें तेल टर्मिनल और रिफाइनरी प्रभावित हुईं।
Ukrainian Drone Attack: कौन-कौन सी जगहें प्रभावित हुईं
क्रास्नोडार प्रशासन के अनुसार, ये हमला सैन्य रसद को बाधित करने की दिशा में एक तेज अभियान का हिस्सा था। उनका कहना था कि घटना के दौरान किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन फ़िलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि बंदरगाह के किस बुनियादी ढांचे को कितनी क्षति हुई है। उनके मुताबिक, गिरते ड्रोन अथवा उनके मलबे के कारण पोर्ट के इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान हुआ और आग लग गई।
इस बंदरगाह में Rosneft द्वारा संचालित तुआप्से तेल रिफाइनरी और तेल टर्मिनल मौजूद हैं। दोनों को इस साल पहले भी यूक्रेनी ड्रोन द्वारा निशाना बनाया जा चुका है। इसके अलावा, तुआप्से के बाहर स्थित सॉसनोवी गांव में ड्रोन मलबे के गिरने से एक अपार्टमेंट इमारत भी क्षतिग्रस्त हुई; हालांकि वहाँ भी किसी के घायल होने की सूचना नहीं है।

Ukraine Russia War: हमले के पीछे का मकसद
कीव के अनुसार, रूस की बिजली ग्रिड पर हमलों के जवाब में यूक्रेन ने रिफाइनरियों, डिपो और पाइपलाइनों को निशाना बनाने की रणनीति अपनाई है। इसका उद्देश्य है: ईंधन आपूर्ति पर दबाव देना, सैन्य रसद को बाधित करना और रूस के युद्ध-समय खर्च को बढ़ाना। वहीं बंदरगाहों तथा रसद मार्गों पर हमला इस रणनीति का हिस्सा है ताकि रूस को लॉजिस्टिकली कमजोर किया जा सके। तुआप्से स्थित इंफ्रास्ट्रक्चर इस दृष्टि से महत्वपूर्ण था, इसलिए इसे हमले का निशाना बनाया गया।

Ukraine Attacked Russia Oil Depot: आगे क्या हो सकता है
लेकिन अभी तक यह नहीं पता कि बंदरगाह के किस हिस्से को कितना नुकसान हुआ है, लेकिन आग लगने और इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान होने की पुष्टि हो चुकी है। अब रूस को यह देखना होगा कि बंदरगाह की क्षतिग्रस्त हिस्सों की मरम्मत कैसे करता है और आगे ऐसे हमलों से कैसे निपटेगा।
यूक्रेन की ओर से यह हमला यह संकेत देता है कि वह जल्दी-जल्दी और प्रभावी तरीके से रसद एवं सप्लाई-लाइन को निशाना बनाने का अभियान चला रहा है। इसके परिणामस्वरूप रूस को अपनी सुरक्षा रणनीति, रसद व्यवस्था और लॉजिस्टिक इन्फ्रास्ट्रक्चर पर पुनर्विचार करना पड़ेगा। इस तरह, रविवार रात को तुआप्से में हुए हमले ने रूस-यूक्रेन युद्ध के उस पहलू को फिर से उजागर किया है जिसमें युद्ध के आगे बढ़ने का एक रूप रसद और आपूर्ति मार्गों पर हमला है।

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