यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अन्य देशों से अपने ऊर्जा के निर्यात को बढ़ाने की अपील की
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की कतर के दोहा फोरम में शनिवार को एक वीडियो लिंक के माध्यम से औचक तौर पर उपस्थित हुए। उन्होंने तेल एवं गैस संपन्न इस देश (कतर) और अन्य से अपना उत्पादन बढ़ाने की अपील की, ताकि रूसी ऊर्जा आपूर्ति में कमी को पूरा किया जा सके।
03:42 PM Mar 26, 2022 IST | Desk Team
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की कतर के दोहा फोरम में शनिवार को एक वीडियो लिंक के माध्यम से औचक तौर पर उपस्थित हुए। उन्होंने तेल एवं गैस संपन्न इस देश (कतर) और अन्य से अपना उत्पादन बढ़ाने की अपील की, ताकि रूसी ऊर्जा आपूर्ति में कमी को पूरा किया जा सके।
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जेलेंस्की ने संयुक्त राष्ट्र और विश्व के शक्तिशाली देशों से उनकी मदद के लिए आगे आने का आग्रह किया। जैसा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति ने 24 फरवरी को युद्ध शुरू होने के बाद से दुनिया भर के देशों को सिलसिलेवार तरीके से अपने संबोधन में आग्रह किया है। उन्होंने मारियोपोल शहर में किये गये विध्वंस को सीरियाई युद्ध के दौरान अलेप्पो शहर में मचाई गई तबाही के समान बताया।
जेलेंस्की ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी
यूक्रेन में गेहूं को क्षति पहुंचने से मिस्र जैसे पश्चिम एशिया के देश चिंतित हैं जो वहां से इसके निर्यात पर निर्भर करते हैं। जेलेंस्की ने विभिन्न देशों से अपने ऊर्जा (तेल व गैस) के निर्यात को बढ़ाने की अपील की। उनकी यह अपील इसलिए भी मायने रखती है कि कतर प्राकृतिक गैस के निर्यात के मामले में विश्व का एक प्रमुख देश है। जेलेंस्की ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी को लेकर रूस की आलोचना करते हुए कहा कि रूस जानबूझ कर यह धमकी दे रहा है कि वह परमाणु हथियारों से विध्वंस कर सकता है, न सिर्फ एक देश में बल्कि पूरी धरती पर।
यूक्रेन में रूसी हमले में अपने चरम पर
उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन में मुसलमानों को आगामी रमजान के महीने में लड़ाई लड़नी होगी। इस बीच, कतर में सत्तारूढ़ अमीर ने पिछले 70 सालों में फलस्तीन के लोगों के साथ व्यवहार को लेकर इजराइल की आलोचना करते हुए विश्व से बढ़ते वैश्विक सैन्यीकरण के खिलाफ खड़े होने का अनुरोध किया, जो यूक्रेन में रूसी हमले में अपने चरम पर है।
शेख तमीम बिन अल थानी ने कहा, ‘‘मैं यह याद दिलाना चाहूंगा कि लाखों की संख्या में उन फलस्तीन वासियों की सात दशक से अधिक समय से अंतरराष्ट्रीय अनदेखी की जा रही है, जो उनके भू-भाग पर इजराइली कब्जे से पीड़ित हैं। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसी तरह, कई सारे अन्य लोग भी हैं, जैसे कि सीरियाई और अफगान लोग, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय समुदाय न्याय दिला पाने में नाकाम रहा है। ’’ इजराइल की ओर से इस पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई है।
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