प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर भावुक हुईं उमा भारती और साध्वी ऋतंभरा, गले लग दी एक-दूसरे को बधाई
Ram Mandir Ayodhya Pran Pratistha: अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम पूरा हो चुका है। इस महोत्सव में नेता-अभिनेता सभी मेहमान शामिल हुए। इनमें से कुछ मेहमान भगवान राम के बालस्वरूप को देखकर भावुक हो गए। दरअसल बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती और साध्वी ऋतंभरा प्राण प्रतिष्ठा के समय भावुक हो गई थीं। आंखो में आंसू और होठों पर मुस्कान के साथ दोनों ने गले लगकर एक-दूसरे को बधाई दी।
उमा भारती ने संभाले हैं कई मंत्रालय
उमा भारती बीजेपी की वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम रही हैं। उमा साध्वी हैं और साध्वी के रूप में ही राजनीति में एंट्री की थी। बीजेपी से जुड़ने के बाद उमा भारती 1984 में पहली बार चुनाव लड़ीं और हार गईं। 1989 के चुनावों में उन्हें जीत मिली. वर्ष 1991 में वह खुजराहो लोकसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर मैदान में उतरीं और जीत हासिल की। इसके बाद वह लगातार तीन बार इस सीट पर जीतीं। 1999 में भोपाल सीट से उम्मीदवार बनीं और यहां भी जीत हासिल की। वाजपेयी सरकार में उमा भारती ने कई मंत्रालय संभाले। वर्ष 2003 में उमा भारती मध्य-प्रदेश की सीएम चुनी गईं।
16 वर्ष की उम्र में साध्वी ने ली दीक्षा
साध्वी ऋतंभरा का जन्म पंजाब के लुधियाना स्थित दोराहा में हुआ था। बचपन में इनका नाम निशा था। महज 16 वर्ष की उम्र में हरिद्वार के गुरु परमानंद गिरी से दीक्षा लेकर यह साध्वी बन गईं और इनका नया नाम ऋतंभरा रखा गया। ऋतंभरा राम कथा कहती हैं।
राम मंदिर के लिए किया संघर्ष
राम जन्म भूमि के लिए उमा भारती के संघर्ष की बात करें तो इन्होंने साध्वी ऋतंभरा के साथ मिलकर अयोध्या मसले पर आंदोलन शुरू किया। इसके अलावा जुलाई 2007 में रामसेतु को बचाने के लिए भी उमा भारती ने आंदोलन किया। वहीं, साध्वी ऋतंभरा की बात करें तो 1980 के दशक में साध्वी ऋतंभरा राम मंदिर आंदोलन का प्रमुख चेहरा बन गईं थीं। तब इन्होंने हिंदू जागृति अभियान की कमान संभाली थी। 6 दिसंबर, 1992 को जब अयोध्या में विवादित ढांचा गिराया गया तब साध्वी ऋतंभरा वहीं पर थीं।
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