वन्य क्षेत्रों में अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित नहीं किया जा सकता : दिल्ली सरकार
आप सरकार ने गुरूवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा कि शहर में अवैध कॉलोनियों को नियमित करने की अक्टूबर 2019 में जारी केंद्र की अधिसूचना के तहत वन्य क्षेत्रों में पड़ने वाली अनधिकृत कॉलोनियां को नियमित नहीं किया जा सकता है।
03:57 PM Jan 23, 2020 IST | Shera Rajput
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आप सरकार ने गुरूवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा कि शहर में अवैध कॉलोनियों को नियमित करने की अक्टूबर 2019 में जारी केंद्र की अधिसूचना के तहत वन्य क्षेत्रों में पड़ने वाली अनधिकृत कॉलोनियां को नियमित नहीं किया जा सकता है।
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न्यायमूर्ति जी एस सिस्तानी और न्यायमूर्ति ए जे भंभानी की पीठ के समक्ष दाखिल हलफनामे में दिल्ली सरकार ने कहा कि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों के संपत्ति अधिकारों की मान्यता) नियमन, 2019 में स्पष्ट उल्लेख है कि आरक्षित या अधिसूचित वन्य क्षेत्रों की जमीन पर किसी तरह के अधिकारों की मान्यता नहीं दी जाएगी।
दिल्ली सरकार की ओर से अतिरिक्त स्थाई वकील संजय घोष ने कहा कि दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों के नियमन के लिए शहरी विकास मंत्रालय के 2007 के संशोधित दिशानिर्देशों के तहत उन बस्तियों को राहत नहीं मिलेगी जो आंशिक या पूरी तरह अधिसूचित वन्य क्षेत्र में आती हैं।
दिल्ली सरकार से अदालत द्वारा 23 दिसंबर को पूछे गये प्रश्न के जवाब में हलफनामा दाखिल किया गया। अदालत ने पूछा था कि क्या वह राष्ट्रीय राजधानी में वन्य क्षेत्रों पर अतिक्रमण को नियमित करने के बारे में सोच रही है।
पीठ को न्यायमित्र, वरिष्ठ अधिवक्ता कैलाश वासुदेव ने बताया था कि राष्ट्रीय राजधानी में 1700 से अधिक अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करते समय वन्य क्षेत्र में पड़ने वाली कॉलोनियों को भी नियमित किया जा सकता है। इसके बाद पीठ ने सवाल पूछा।
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