हाईकोर्ट ने OBC आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं होने पर झारखंड सरकार से मांगा जवाब
Highlights
- OBC आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं होने पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
- सरकार ने कहा कि राज्य में नगर निकायों के चुनाव छह महीने में करा लिये जायेंगे
- हाई कोर्ट: छह माह बीते लेकिन सरकार ने चेयरमैन की नियुक्ति नहीं की
झारखंड हाई कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा हैं कि राज्य में OBC आयोग (पिछड़ी जाति आयोग) के अध्यक्ष की नियुक्ति क्यों नहीं हुई हैं। राज्य सरकार से हलफनामा दाखिल कर यह बताने को कहा गया है कि आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति कब की जायेगी।
पूर्व पार्षद रोशनी खलखो और अन्य की ओर से दायर याचिका
कोर्ट ने कहा है कि ऐसा न करने पर राज्य के कार्मिक सचिव को सशरीर उपस्थित होना होगा.न्यायमूर्ति रंगन मुखोपाध्याय की पीठ ने राज्य में लंबित नगर निकायों के चुनाव जल्द कराने की मांग को लेकर दायर रिट याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिय। याचिका रांची नगर निगम की पूर्व पार्षद रोशनी खलखो और अन्य की ओर से दायर की गयी हैं। बताया गया कि राज्य के सभी नगर निकायों का कार्यकाल अप्रैल माह में ही समाप्त हो गया थ। 27 अप्रैल 2023 तक नए चुनाव हो जाने चाहिए थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके पीछे वजह यह है कि राज्य सरकार ने नगर निकायों के नए चुनाव कराने से पहले ओबीसी आरक्षण का प्रतिशत तय करने का फैसला किया हैं। OBC आरक्षण का प्रतिशत OBC आयोग के माध्यम से निर्धारित किया जाना है, लेकिन अब तक इस आयोग में अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं की गई है।
झारखंड सरकार: राज्य में नगर निकायों के चुनाव छह महीने में
अप्रैल के बाद सभी नगर निगमों, नगर पालिकाओं, नगर परिषदों और नगर पंचायतों को सरकारी प्रशासकों के हवाले कर दिया गया है. नये चुनाव होने तक इन निकायों में निर्वाचित प्रतिनिधियों की भूमिका पूरी तरह खत्म हो गयी है। याचिका में मांग की गई है कि नगर निकायों के चुनाव संपन्न होने तक वैकल्पिक व्यवस्था के तहत प्रशासक की बजाय निकायों के पूर्व निर्वाचित प्रतिनिधियों को शक्तियां दी जाएं। याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अपनी मौखिक टिप्पणी में इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि नगर निकाय के निर्वाचित प्रतिनिधियों का कार्यकाल पूरा होने के बाद भी लगभग छह माह बीत गये, लेकिन अब तक सरकार ने चेयरमैन की नियुक्ति नहीं की हैं। समर्पित आयोग, जबकि आयोग को डेटा का अध्ययन करने के बाद ओबीसी के लिए आरक्षण पर निर्णय लेना है।सुनवाई के दौरान सरकार ने कहा कि राज्य में नगर निकायों के चुनाव छह महीने में करा लिये जायेंगे।