UNESCO: विश्व धरोहर की सूची में शामिल हुआ 'मराठा मिलिट्री लैंडस्केप ऑफ इंडिया'
UNESCO: भारत और देश की जनता के लिए आज गर्व का पल है क्योंकि यूनेस्को के विश्व धरोहर समिति के 47वें सत्र में ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। भारत के मराठा मिलिट्री लैंडस्केप ऑफ इंडिया' को यूनेस्को की विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया गया। भारत की मान्यता प्राप्त करने वाली 44वीं संपत्ति बन गई है। यह वैश्विक सम्मान भारत की सांस्कृतिक विरासत का सम्मान. प्रतिभा, क्षेत्रीय पहचान और ऐतिहासिक निरंतरता की परंपराओं को दर्शाता है।
2024 में प्रस्ताव भेजा गया था
विश्व धरोहर में शामिल मराठा मिलिट्री लैंडस्केप ऑफ इंडिया पर विचार करने के लिए वर्ष 2024 में प्रस्ताव भेजा गया था। अब 18 महीने के इंतजार और मेहनत के बाद पेरिस स्थित यूनेस्को मुख्यालय में विश्व धरोहर समिति के सदस्यों द्वारा यह ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। इस दौरान PM नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अमित शाह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ऐतिहासिक उपलब्धि की सराहना करते हुए जनता को बधाई दी।
भारत के प्रस्ताव का समर्थन
मराठा मिलिट्री लैंडस्केप ऑफ इंडिया को विश्व धरोहर में शामिल करने से पहले लगभग 59 मिनट तक चर्चा चली। इस चर्चा में 20 में से 18 सदस्य देशों ने इस महत्वपूर्ण स्थल को धरोहर सूची में शामिल करने के भारत के प्रस्ताव का समर्थन किया और सभी सदस्य देशों, यूनेस्को, विश्व विरासत केंद्र और यूनेस्को के सलाहकार निकायों ने इस विश्व धऱोहर में शामिल करने के लिए भारत के प्रतिनिधिमंडल को बधाई दी।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अतर्गत संरक्षित
बता दें कि शिवनेरी किला, लोहागढ़, रायगढ़, सुवर्णदुर्ग, पन्हाला किला, विजयदुर्ग, सिंधुदुर्ग और गिंगी किला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अतर्गत संरक्षित की गई है। वहीं साल्हेर किला, राजगढ़, खंडेरी किला और प्रतापगढ़ पुरातत्व और संग्रहालय निदेशालय, महाराष्ट्र सरकार के अंतर्गत संरक्षित हैं।
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