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केन्द्रीय बजट रोजगार सृजन, आमदनी बढ़ाने व मंदी का मुकाबला करने वाला: सुशील मोदी

इसके परिणामस्वरूप पिछले साल जहां केन्द्रीय करों में बिहार की हिस्सेदारी के तौर पर 63,406 करोड़ का प्रावधान था वहीं इस साल बिहार का हिस्सा 15 हजार करोड़ की वृद्धि के साथ 78,896 करोड़ होगा।

04:55 PM Feb 01, 2020 IST | Desk Team

इसके परिणामस्वरूप पिछले साल जहां केन्द्रीय करों में बिहार की हिस्सेदारी के तौर पर 63,406 करोड़ का प्रावधान था वहीं इस साल बिहार का हिस्सा 15 हजार करोड़ की वृद्धि के साथ 78,896 करोड़ होगा।

पटना : केन्द्रीय बजट 2020-21 पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उपमुख्यमंत्री सह वितमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि इससे रोजगार सृजन, आम लोगों की आमदनी बढ़ाने में जहां मदद मिलेगी वहीं बेहत्तर तरीके से मंदी का मुकाबला भी हो सकेगा। इसके साथ ही इस बजट से 15 वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर केन्द्रीय करों में पिछले वर्ष की तुलना में बिहार की हिस्सेदारी में 15 हजार करोड़ की वृद्धि होगी।
श्री मोदी ने कहा कि एन के सिंह की अध्यक्षता वाले 15 वें वित्त आयोग की अनुशंसा को 2020-21 के बजट में शामिल करने के परिणामस्वरूप केन्द्रीय करों में बिहार की हिस्सेदारी .396 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2019-20 की 9.665 प्रतिशत की तुलना में बढ़ कर 2020-21 में 10.061 प्रतिशत हो गई है। इसके परिणामस्वरूप पिछले साल जहां केन्द्रीय करों में बिहार की हिस्सेदारी के तौर पर 63,406 करोड़ का प्रावधान था वहीं इस साल बिहार का हिस्सा 15 हजार करोड़ की वृद्धि के साथ 78,896 करोड़ होगा। 
पूरे देश में पिछले वर्ष की तुलना में 20-21 में पंचायती राज संस्थाओं के बजट में 11 हजार करोड़, नगर निकायों के लिए 4500 करोड़ और आपदा प्रबंधन अनुदान में 10062 करोड़ की वृद्धि का सर्वाधिक लाभ बिहार जैसे राज्य को मिलेगा। बजट में आयकर केा सरलीकरण, लघु एवं मध्यम उद्योगों, आवासीय व कृषि प्रक्षेत्रों के लिए जो अनेक प्रावधान किए गए हैं उससे जहां रोजगार का सृजन होगा, लोगों की आमदनी बढ़ेगी, लोगों के हाथों में ज्यादा पैसा आएगा, बचत होगी जिससे आर्थिक सुस्ती का बेहत्तर तरीके से मुकाबला संभव होगा।
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