केंद्रीय वित्त मंत्री ने DRI के नए भवन का किया उद्घाटन
दिल्ली में राजस्व खुफिया निदेशालय का नया भवन खुला
केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को दिल्ली में राजस्व खुफिया निदेशालय के नए भवन का उद्घाटन किया। उद्घाटन के दौरान वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, राजस्व सचिव अरविंद श्रीवास्तव, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड के अध्यक्ष संजय अग्रवाल और बोर्ड के अन्य सदस्य भी मौजूद थे। सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में सीतारमण के कार्यालय ने लिखा कि देश में अधिकारियों को प्रभावी होने के लिए तीन अनिवार्यताओं को अपनाना चाहिए। अनिवार्यताओं में प्रवर्तन और सुविधा को स्पेक्ट्रम के विपरीत छोर के रूप में शामिल नहीं करना, समग्र रूप से जांच करना और प्रवर्तन कार्यों को केवल डेटा में ही नहीं बल्कि धर्म में भी निहित करना शामिल है।
पोस्ट में लिखा गया है, “प्रभावी होने के लिए सभी प्रवर्तन एजेंसियों, सभी अधिकारियों को तीन प्रमुख अनिवार्यताओं को अपनाना चाहिए: प्रवर्तन और सुविधा को स्पेक्ट्रम के विपरीत छोर के रूप में न देखें। समग्र रूप से जांच करें, बड़ी तस्वीर को ध्यान में रखें, न कि केवल अलग-अलग उल्लंघनों का पीछा करें। प्रवर्तन संचालन केवल डेटा में ही नहीं बल्कि धर्म में भी निहित होना चाहिए।” इससे पहले की पोस्ट में सीतारमण ने यह भी कहा कि आगे बढ़ते रहने के लिए प्रधानमंत्री के ‘सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन’ के शब्दों को याद रखना चाहिए।
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इससे पहले 31 मई को केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि सरकार की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि प्रचलन में मुद्रा कम मूल्यवर्ग में होगी और डिजिटल हस्तांतरण करने के लिए अधिक जागरूकता फैलाना है। 500 रुपये के नोटों के भविष्य पर एक सवाल का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा, “हम यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि कम मूल्य वाले नोटों का इस्तेमाल उच्च मूल्य वाले नोटों से कहीं अधिक हो, क्योंकि 2000 रुपये के नोट लगभग पूरी तरह से प्रचलन से बाहर हो चुके हैं।”
राष्ट्रीय राजधानी में पंडित दीनदयाल उपाध्याय एकात्म मानववाद व्याख्यान के 60 वर्ष पूरे होने पर राष्ट्रीय स्मारक संगोष्ठी में केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, “हमें डिजिटल जागरूकता को और अधिक विकसित करने की आवश्यकता है, ताकि लोग डिजिटल हस्तांतरण में लाभ देख सकें।” हाल के वर्षों में भारत ने डिजिटल लेन-देन में अभूतपूर्व वृद्धि देखी है, जो एक कैशलेस समाज बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। भारत की डिजिटल भुगतान क्रांति में सबसे आगे UPI है, जिसने दिसंबर 2024 में 16.73 बिलियन लेन-देन का रिकॉर्ड बनाया है।