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केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा, "भाषा किसी राष्ट्र की आत्मा होती है, न कि केवल संचार का माध्यम।"

06:08 PM Jun 26, 2025 IST | Aishwarya Raj
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा, "भाषा किसी राष्ट्र की आत्मा होती है, न कि केवल संचार का माध्यम।"

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि भाषाएं केवल संचार का माध्यम नहीं हैं, बल्कि राष्ट्र की आत्मा हैं। उन्होंने आगे कहा कि भाषाओं को जीवित रखना और उन्हें समृद्ध बनाना आवश्यक है। उन्होंने कहा, "जहां तक ​​देश का सवाल है, भाषा केवल संचार का माध्यम नहीं है; यह किसी राष्ट्र की आत्मा है। भाषाओं को जीवित रखना और उन्हें समृद्ध बनाना महत्वपूर्ण है। हमें आने वाले दिनों में सभी भारतीय भाषाओं और विशेष रूप से राजभाषा के लिए ये सभी प्रयास करने चाहिए।" दिल्ली में राजभाषा विभाग के स्वर्ण जयंती समारोह में बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि हिंदी सभी भारतीय भाषाओं की मित्र है। 

हिंदी किसी भी भारतीय भाषा की दुश्मन नहीं

उन्होंने आगे कहा कि हिंदी और भारतीय भाषाएं मिलकर राष्ट्र के स्वाभिमान को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। उन्होंने कहा, "मैं दिल से मानता हूं कि हिंदी किसी भी भारतीय भाषा की दुश्मन नहीं हो सकती। हिंदी सभी भारतीय भाषाओं की मित्र है और हिंदी और भारतीय भाषाएं मिलकर हमारे स्वाभिमान कार्यक्रम को उसके अंतिम लक्ष्य तक पहुंचा सकती हैं। किसी भाषा का विरोध नहीं है, किसी विदेशी भाषा का विरोध नहीं होना चाहिए, लेकिन आग्रह अपनी भाषा के गौरव का होना चाहिए, आग्रह अपनी भाषा बोलने का होना चाहिए और आग्रह अपनी भाषा में सोचने का होना चाहिए।"

देश को गुलामी की मानसिकता से मुक्त होने की जरूरत

शाह ने यह भी कहा कि पूरे देश को गुलामी की मानसिकता से मुक्त होने की जरूरत है। उन्होंने कहा, "हमें गुलामी की मानसिकता से मुक्त होना चाहिए। और जब तक व्यक्ति अपनी भाषा पर गर्व नहीं करेगा, अपनी भाषा में अपनी बात नहीं कहेगा, तब तक हम गुलामी की मानसिकता से मुक्त नहीं हो सकते..." मंत्री ने छात्रों को कई भारतीय भाषाओं में प्रतियोगी परीक्षाएँ देने में सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। "जेईई, एनईईटी, सीयूईटी अब 13 भाषाओं में लिए जा रहे हैं। पहले, आप केवल अंग्रेजी या हिंदी में सीएपीएफ की कांस्टेबल भर्ती के लिए आवेदन कर सकते थे। हमने इसे लचीला बनाया और 13 भाषाओं में परीक्षा की अनुमति दी, और आज मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि 95% उम्मीदवार अपनी मातृभाषा में कांस्टेबल परीक्षा दे रहे हैं। यह बताता है कि आने वाले दिनों में भारतीय भाषाओं का भविष्य कितना उज्ज्वल है..." इस कार्यक्रम में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी मौजूद थीं।

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