केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने अदिति योजना का किया शुभारंभ, बोले- विकसित भारत हमारा लक्ष्य
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पानीपत में अदिति स्कीम लॉन्च कर देश को समर्पित किया। अदिति स्कीम में 9000 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। पहले चरण में लगभग 1000 करोड़ रुपए का निवेश कर एमएसएमई से जुड़े उद्योगपतियों को लाभ होगा। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि पानीपत की ऐतिहासिक भूमि पर तमिलनाडु, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और देश के अन्य राज्यों से उद्योगपति आए हुए हैं। पानीपत की ऐतिहासिक भूमि से देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी गई थी, ऐसे में इस ऐतिहासिक भूमि पर कार्यक्रम का आयोजन होना गौरव की बात है। मैं इसके लिए सभी को शुभकामनाएं देता हूं।
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक विकसित भारत की बात कही है। ऐसे में हमारा लक्ष्य देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है। आज देश की अर्थव्यवस्था 4 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच चुकी है और हम आने वाले दो सालों में पांच ट्रिलियन डॉलर लक्ष्य को हासिल कर लेंगे। 2047 तक जब देश को आजाद हुए सौ वर्ष पूरे हो जाएंगे तो देश की अर्थव्यवस्था 17 ट्रिलियन डॉलर पहुंचने का अनुमान है। इतनी बड़ी छलांग लगाने में सबसे ज्यादा इंडस्ट्री की भागीदारी रहेगी। इस भागीदारी में अगर कोई एक केंद्र बिंदु है तो वह ऊर्जा है। ऊर्जा के बिना हमारी इंडस्ट्री आगे नहीं बढ़ सकती है।
उन्होंने कहा कि ऊर्जा की जरूरत लगातार बढ़ती जा रही है, जो एक बहुत बड़ी चुनौती है। 2014 में जब हरियाणा में भाजपा की सरकार बनी थी, तब 9000 मेगावाट बिजली की जरूरत थी। बिजली की आपूर्ति की क्षमता बढ़ने लगी तो एनर्जी पावर ही एकमात्र साधन नजर आ रहा था। आज हरियाणा को 16000 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है। ऊर्जा मंत्री ने आगे कहा कि कई नए प्रोजेक्ट लगाए जा रहे हैं, जिसमें यमुनानगर का थर्मल पावर प्लांट, गोरखपुर में न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट के साथ पूरे देश में सोलर प्लांट को लोग अपना रहे हैं। ऊर्जा शक्ति को बढ़ाने के लिए विभाग के सभी अधिकारी और उद्योगपति इस काम में लगे हुए हैं।
ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि पिछले 20 वर्षों से दो विषयों पर बहुत चर्चा हो रही है। ऊर्जा दक्षता व पर्यावरण संरक्षण दोनों ही विषय बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा दक्षता कम है, उसकी पूर्ति को बढ़ाने के लिए उद्योगों में नई टेक्नोलॉजी की मशीनरी लगाएं। उन्होंने बताया कि करनाल, कैथल, अंबाला और पानीपत इन जिलों में उद्योग ज्यादा हैं, इसलिए अगर नई टेक्नोलॉजी पर आधारित नई मशीनरी से काम करें तो 30 से 40 प्रतिशत बिजली को बचाया जा सकता है।