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संयुक्त राष्ट्र परमाणु एजेंसी ने कहा - ईरान ने 2015 के परमाणु समझौते का किया अनुपालन

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने शुक्रवार को कहा कि ईरान 2015 में विश्व के शक्तिशाली देशों के साथ हस्ताक्षर किए परमाणु समझौते में तय की गई सीमा के अंदर बना रहेगा

08:11 PM May 31, 2019 IST | Shera Rajput

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने शुक्रवार को कहा कि ईरान 2015 में विश्व के शक्तिशाली देशों के साथ हस्ताक्षर किए परमाणु समझौते में तय की गई सीमा के अंदर बना रहेगा

वियना : अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने शुक्रवार को कहा कि ईरान 2015 में विश्व के शक्तिशाली देशों के साथ हस्ताक्षर किए परमाणु समझौते में तय की गई सीमा के अंदर बना रहेगा, हालांकि कम संवर्द्धित यूरेनियम और भारी जल का भंडार बढ़ रहा है। 
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इस समझौते पर ईरान के अलावा हस्ताक्षर करने वाले देश – जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन थे। 
संरा परमाणु निगरानी संस्था की एक गोपनीय तिमाही रिपोर्ट सदस्य देशों के बीच बांटी गई है। इसमें कहा गया है कि ईरान संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) में निर्धारित सीमाओं के अंदर बना हुआ है। 
साथ ही, एएफपी की एक खबर के मुताबिक ईरान की अहम परमाणु सामग्री का भंडार बढ़ा है लेकिन वह अब भी 2015 के समझौते की सीमा में है। यह समझौता ईरान और विश्व शक्तियों के बीच हुआ था। 
रिपोर्ट के मुताबिक इस महीने की शुरूआत में ईरान द्वारा इससे जुड़ी एक घोषणा किए जाने के बावजूद संवर्द्धधित यूरेनियम और भारी जल का भंडार 2015 के समझौते में निर्धारित सीमा से बढ़ गया है। 
दरअसल, ईरान ने यह घोषणा की थी कि उसे नहीं लगता कि वह परमाणु सामग्री पर लगाए गए प्रतिबंधों का पालन करने के लिए बाध्य है। 
ईरान के पास 20 की तारीख तक 174.1 किग्रा संवद्धित यूरेनियम था, जो फरवरी के 163.8 किग्रा से अधिक है। लेकिन फिर भी 300 किग्रा की सीमा के अंदर है। इस महीने की शुरूआत में ईरान ने घोषणा की थी कि उसने 2015 के संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) को निलंबित कर दिया है।
 
ईरान ने कहा था कि यदि अमेरिकी प्रतिबंधों से उसे बचाने के लिए 60 दिनों के अंदर कोई रास्ता नहीं तलाश गया तो वह यूरोनियम का संवर्द्धन बढ़ा देगा। दरअसल, ये प्रतिबंध उसकी अर्थव्यवस्था और तेल उद्योग के प्रति लक्षित हैं। 
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