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महिला ग्राम प्रधानों को गांवों के चौमुखी विकास के लिए प्रशिक्षित करें विश्वविद्यालय: आनंदीबेन पटेल

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को विश्‍वविद्यालयों को महिला ग्राम प्रधानों को गांवों के चौमुखी विकास के लिए प्रशिक्षण की जिम्‍मेदारी सौंपते हुए कहा कि अभी तक जो महिलाएं केवल घर का काम करती थीं।

06:00 PM Jun 08, 2021 IST | Desk Team

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को विश्‍वविद्यालयों को महिला ग्राम प्रधानों को गांवों के चौमुखी विकास के लिए प्रशिक्षण की जिम्‍मेदारी सौंपते हुए कहा कि अभी तक जो महिलाएं केवल घर का काम करती थीं।

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को विश्‍वविद्यालयों को महिला ग्राम प्रधानों को गांवों के चौमुखी विकास के लिए प्रशिक्षण की जिम्‍मेदारी सौंपते हुए कहा कि अभी तक जो महिलाएं केवल घर का काम करती थीं। अब वे ग्राम प्रधान बनी हैं, इसलिए ग्राम सभा से जुड़े समस्त विकास कार्यों की जानकारी उन्हें देने के लिये विश्वविद्यालय अपने महिला अध्ययन केंद्रो के माध्यम से प्रशिक्षण दें, ताकि वे अपनी ग्राम सभा के प्राथमिक स्कूलों, आंगनबाड़ी केन्द्रों को सुदृढ़ कर सकें।
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राजभवन से मंगलवार को जारी बयान के अनुसार उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन से महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली तथा बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, बांदा के कुलपतियों के साथ ऑनलाइन समीक्षा बैठक के दौरान उक्त निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में महिला प्रधान निर्वाचित हुईं हैं, उन्हें विश्वविद्यालय से जोड़ें तथा प्रशिक्षण के माध्यम से विभिन्न सरकारी योजनाओं की उन्हें जानकारी देकर ग्राम सभा के विभिन्न कार्यों जैसे टीकाकरण, शिक्षा, पोषण, स्वावलंबन और स्वच्छता के लिये प्रेरित करें, ताकि वे अपनी ग्राम सभा का चौमुखी विकास कर सकें।
राज्यपाल पटेल ने कहा कि प्रशिक्षण मिलने से नवनिर्वाचित महिला प्रधान सरकारी योजनाओं का लाभ अपनी ग्राम सभा में लोगों को दिला सकेंगी और इसके साथ ही अपनी ग्राम सभा को क्षयरोग एवं कुपोषण मुक्त करने में अपनी सक्रिय भागीदारी निभा सकेंगी। उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय महिलाओं को केवल कृषि कार्यों की ही जानकारी देते हैं, उन्हें कृषि के साथ-साथ ग्रामीण विकास के विभिन्न पहलुओं तथा योजनाओं की भी जानकारी दें, ताकि वे अपने गांव में उन्हें लागू कर सकें।
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