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बेमौसम बारिश से बीड में किसानों की फसलें तबाह, मुआवजे की मांग

बेमौसम बारिश से बीड के किसानों की फसलें बर्बाद…

12:01 PM May 30, 2025 IST | Rahul Kumar Rawat

बेमौसम बारिश से बीड के किसानों की फसलें बर्बाद…

बेमौसम बारिश से बीड में किसानों की फसलें तबाह  मुआवजे की मांग

महाराष्ट्र के बीड जिले में बेमौसम बारिश से किसानों की नकदी फसलें जैसे केला, अनार और प्याज बर्बाद हो गई हैं। अष्टी तालुका में 3894.23 हेक्टेयर भूमि पर फसलें तबाह हो गई हैं। किसानों ने सरकार से तत्काल मुआवजे की मांग की है, जबकि कृषि सहायक और सेवक हड़ताल पर हैं, जिससे नुकसान का आकलन मुश्किल हो रहा है।

महाराष्ट्र के बीड जिले के अष्टी तालुका में बेमौसम बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। पिछले आठ दिनों से हो रही लगातार बारिश ने केला, अनार और प्याज जैसी नकदी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। खेतों में पानी भर गया है, जिससे फसलें सड़ने लगी हैं। किसानों ने सरकार से फौरन नुकसान की भरपाई की मांग की है। जिले में कुल 3930.18 हेक्टेयर कृषि क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है, जिसमें से अकेले अष्टी तालुका में 3894.23 हेक्टेयर भूमि पर खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं। धामनगांव, जो कि अष्टी का एक प्रमुख गांव है, वहां के किसानों ने बताया कि लाखों रुपये खर्च कर तैयार की गई फसलें अब पानी में बह गई हैं।

बेमौसम बारिश से किसानों को भारी नुकसान

संजय भाऊसाहेब, जो धामनगांव के एक किसान हैं, ने बताया, मैंने अनार, प्याज और टमाटर की खेती की थी। फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। कृषि सहायकों और सेवकों से संपर्क किया, लेकिन कोई अब तक खेत पर नहीं आया। हमारी क्षति का आकलन नहीं हो रहा, सिर्फ आश्वासन मिल रहे हैं। राजकुमार पांडुरंग चौधरी, एक अन्य किसान, ने कहा, मैंने अपने खेत में केला लगाया था और इसके लिए 2.5 लाख रुपये खर्च किए। बैंक से कर्ज भी लिया, लेकिन बारिश ने सब तबाह कर दिया। अब केले सड़ने लगे हैं। सरकार से गुज़ारिश है कि हमारी मदद करें।

सरकार से आर्थिक मदद की गुहार

किसानों के नुकसान का आकलन करने वाले कृषि सहायक और सेवक इस समय हड़ताल पर हैं, जिससे हालात और गंभीर हो गए हैं। पंचनामा कौन करेगा, ये बड़ा सवाल बना हुआ है। जब तक नुकसान का सरकारी दस्तावेज़ीकरण नहीं होता, मुआवज़ा मिलना भी मुश्किल है। किसानों ने स्पष्ट कहा है कि अब केवल आश्वासनों से काम नहीं चलेगा। लाखों का नुकसान झेल रहे किसान चाहते हैं कि सरकार तत्काल सर्वे कराए और उन्हें आर्थिक राहत दी जाए।

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Rahul Kumar Rawat

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