अब ब्राह्मण, बनिया और दलितवादी रैलियां बंद, योगी सरकार ने जाति-आधारित कार्यक्रमों पर लगाई रोक, पढ़ ले ये आदेश
UP Government Ban on Caste Rallies: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री लगातार राज्य में जातिवाद को खत्म करने के लिए काम कर रहे हैं। पहले तो यूपी सरकार ने वाहनों पर जातिसूचक स्टीकर लगाने पर रोक लगाई थी और अब नए आदेश के मुताबिक यूपी सरकार ने जाति आधारित रैलियों और कार्यक्रमों पर पूरी तरह से प्रतिबंद लगा दिया है। इतना ही नहीं अब पुलिस एफआईआर, अरेस्ट मेमो, सार्वजनिक जगहों और सरकारी डॉक्यूमेंट्स में भी किसी की जाति नहीं लिखी जाएगी।
UP Caste Politics Latest News: कोर्ट का आदेश
आपको बता दें, इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद यूपी के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने शासन की तरफ से ये आदेश जारी किया है। आपको बता दें, इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद यूपी के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने शासन की तरफ से ये आदेश जारी किया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जाति व्यवस्था को लेकर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि समाज जातिगत महिमांडन बंद किया जाना चाहिए।
UP Government Ban on Caste Rallies
कोर्ट का कहना है कि अगर देश को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाना है तो जाति व्यवस्था को खत्म करना होगा। कोर्ट ने सरकारी दस्तावेज जैसे एफआईआर जगहों से भी जातियों का नाम, प्रतीक और निशान हटाने का आदेश दिया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद यूपी के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने शासन की तरफ से ये आदेश जारी किया है।
UP Government New Caste Law: FIR में नहीं लिखेगी जाति
नए नियमों के तहत, एफआईआर, गिरफ्तारी ज्ञापन और अन्य पुलिस रिकॉर्ड में अब जाति का उल्लेख नहीं किया जाएगा। इसके बजाय, पहचान के लिए माता-पिता के नाम जोड़े जाएंगे। हालांकि, एससी/एसटी अधिनियम जैसे कुछ विशिष्ट मामलों में जाति को छूट दी जाएगी ताकि कानूनी प्रक्रिया प्रभावित न हो।
इस आदेश के तहत, पुलिस थानों के नोटिसबोर्ड, पुलिस वाहनों और सार्वजनिक साइनबोर्ड से जाति-आधारित चिन्ह, जैसे "यादव", "जाट", "गुर्जर", या अन्य समुदायों के नारे, तुरंत हटा दिए जाएंगे। इसके अलावा, जाति-आधारित रैलियों और प्रदर्शनों पर भी पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। सोशल मीडिया पर ऐसी सामग्री पर भी नज़र रखी जाएगी और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।