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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सुशासन की पहली शर्त रूल आफ लॉ है। बता दें बिना बार और बेंच के सहयोग के यह संभव नहीं है। यूपी के सुशासन मॉडल को स्थापित करने में बार और बेंच का हमेशा सहयोग मिला।
आपको बता दें मुख्यमंत्री योगी शुक्रवार को मेडिकल एसोसिएशन के ऑडिटोरियम में आयोजित डॉ. राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में संवाद का विशेष महत्व होता है। अगर किसी को कोई समस्या होती है तो वह अपनी परेशानी के बारे में सीधे शासन को अवगत करा सकता है। समस्याग्रस्त व्यक्ति के पास शासन तक अपनी बात पहुंचाने के अनेक माध्यम हैं।
सीएम योगी ने कहा कि 26 जनवरी 1950 को लागू हुए भारत के संविधान ने देश को उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक एकता के सूत्र में बांधने का कार्य किया।यहीं नहीं भारत के संविधान ने दुनिया को भी लोकतांत्रिक तरीके से आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है।जब देश का संविधान तैयार हो रहा था तो उस समय प्रस्तावना को लेकर लंबी चर्चा हुई थी।उस दौरान बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर ने एक बात कही थी कि हमारी चुनौती संविधान के विस्तार और अंत को लेकर नहीं है।
इसके साथ ही सीएम योगी ने कहा कि हम इति को लेकर परेशान होते हैं कि समारोह कैसा होगा। समारोह अच्छा होगा, उसके परिणाम भी अच्छे आएंगे, बशर्ते हमारी शुरुआत अच्छी होनी चाहिए। अभी संसद में तीन नए एक्ट बने हैं। डॉ. राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रीय विधि को अपने ऊपर यह जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि प्रदेश भर के युवा अधिवक्ताओं के नए एक्ट सहित न्यायिक प्रक्रिया से जुड़ा प्रशिक्षण का एक विशेष कार्यक्रम यहां प्रारंभ हो, राज्य सरकार उसमें पूरा सहयोग करेगी।