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UP : सावन के पवित्र महीने में शिवरात्रि के अवसर पर शुक्रवार को शिवभक्त काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करने पहुंचे। सावन शिवरात्रि 2 अगस्त को है और वाराणसी में शिवभक्तों में अपार उत्साह है क्योंकि सावन में शिवरात्रि का बहुत ही खास महत्व होता है। आज बाबा विश्वनाथ के दर्शन और पूजन का भी विशेष महत्व है। वाराणसी में सावन की शिवरात्रि न केवल धार्मिक आस्था की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि आत्मशुद्धि का मार्ग दिखाने वाला पर्व भी है।
Highlight :
आज सावन शिवरात्रि का पावन अवसर है और वाराणसी में शिवभक्तों में अपार उत्साह है। सावन शिवरात्रि का एक अलग ही महत्व है, जो इस उत्सव को और भी खास बनाता है। आज बाबा विश्वनाथ के दर्शन और पूजन का भी विशेष महत्व है। वाराणसी में सावन की शिवरात्रि न केवल धार्मिक आस्था की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि आत्मशुद्धि का मार्ग दिखाने वाला पर्व भी है।
वाराणसी में यह भी मान्यता है कि इस दिन बाबा विश्वनाथ के दर्शन और पूजन से भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। यही वजह है कि बाबा के दर्शन और पूजन के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर में शिव भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। सुबह से ही दर्शन का सिलसिला जारी है और यह सिलसिला पूरे दिन जारी रहेगा। सावन शिवरात्रि एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जिसका धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व बहुत गहरा है।
यह त्योहार चंद्र मास के 14वें दिन मनाया जाता है और भगवान शिव और देवी पार्वती के मिलन का प्रतीक है। यह पवित्र महीना, जो आमतौर पर जुलाई और अगस्त के बीच पड़ता है, भगवान शिव को समर्पित पूजा, उपवास और तीर्थयात्रा का समय होता है। कांवड़ यात्रा जुलूस में कांवड़िए नदी से जल भरते हैं और इसे सैकड़ों किलोमीटर तक ले जाकर भगवान शिव के मंदिरों में चढ़ाते हैं। कांवड़ यात्रा एक तीर्थयात्रा है जो 22 जुलाई से शुरू हुई और 2 अगस्त को शिवरात्रि के दिन समाप्त होगी।