एक बार फिर पोस्टपोन हुई UP PGT भर्ती परीक्षा, जानें अब-कब होंगे एग्जाम?
फिर पोस्टपोन हुई UP PGT भर्ती परीक्षा
यह परीक्षा 18 और 19 जून 2025 को आयोजित होनी थी, लेकिन आयोग की मंगलवार को हुई बैठक में इसे टालने का फैसला किया गया. अब यह परीक्षा अगस्त के लास्ट वीक में आयोजित की जाएगी. वहीं जल्द ही नई एग्जाम डेट जारी की जाएगी.
UPESSC UP PGT Exam: उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग ने एक अहम फैसला लिया है. आयोग ने सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रवक्ता (पीजीटी) भर्ती 2022 की परीक्षा को दोबारा स्थगित?(पोस्टपोन) कर दिया है. यह परीक्षा 18 और 19 जून 2025 को आयोजित होनी थी, लेकिन आयोग की मंगलवार को हुई बैठक में इसे टालने का फैसला किया गया. अब यह परीक्षा अगस्त के लास्ट वीक में आयोजित की जाएगी. वहीं जल्द ही नई एग्जाम डेट जारी की जाएगी.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 4 जून को आयोग की एक बैठक में कुछ सदस्यों ने परीक्षा नियंत्रक डीपी सिंह से पूछा था कि क्या वे परीक्षा निर्धारित तिथि पर करवा पाएंगे. उस समय परीक्षा नियंत्रक ने परीक्षा को तय तिथि पर कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन बाद में स्थिति बदल गई और परीक्षा स्थगित करने के संकेत मिलने लगे. आयोग को परीक्षा के 10 दिन पहले अभ्यर्थियों की एग्जाम वेन्यू लिस्ट जारी करनी होती है, लेकिन 8-9 जून तक यह सूची जारी नहीं हो सकी. इसी वजह से भी परीक्षा टालने की संभावना बनी रही.
अभ्यर्थियों में नाराजगी
इस दौरान करीब तीन साल से परीक्षा की प्रतीक्षा कर रहे लगभग 4.65 लाख अभ्यर्थी आयोग के इस फैसले से काफी नाराज हैं. आयोग के प्रभारी सचिव देवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा है कि परीक्षा अगस्त के अंतिम सप्ताह में कराई जाएगी, परंतु नई तिथि अभी घोषित नहीं हुई है. इस निर्णय से अभ्यर्थियों में चिंता और असमंजस की स्थिति बनी हुई है.
भर्ती प्रक्रिया का विवरण
पीजीटी भर्ती के लिए 2022 में कुल 624 पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए थे. उस समय 4,64,605 अभ्यर्थियों ने इस परीक्षा में भाग लेने के लिए आवेदन किया था. इस हिसाब से प्रति पद लगभग 745 अभ्यर्थी दावेदारी कर रहे हैं, जो प्रतियोगिता की तीव्रता को दर्शाता है. वहीं, प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) की लिखित परीक्षा आगामी 21 और 22 जुलाई 2025 को प्रस्तावित है. इसके आयोजन को लेकर फिलहाल कोई स्थगन की सूचना नहीं मिली है.
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आयोग का गठन और उसका महत्व
प्रदेश में शिक्षक भर्ती के लिए पहले उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड और उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग अलग-अलग कार्य करते थे. इन्हें मिलाकर वर्तमान में उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन किया गया है. इस आयोग का उद्देश्य शिक्षा विभाग में पारदर्शी और प्रभावी भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करना है.