Top NewsIndiaWorld
Other States | Delhi NCRHaryanaUttar PradeshBiharRajasthanPunjabJammu & KashmirMadhya Pradeshuttarakhand
Business
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

शहर से लेकर गांव तक छाया UPI, इतने लोग कर रहे हैं इस्तेमाल

07:27 AM Jul 08, 2024 IST | Aastha Paswan

UPI: भारत का डिजिटल पेमेंट सिस्टम UPI अब देश के साथ विदेश पहुंच गया है। फ्रांस के बाद पड़ोसी देश श्रीलंका और मॉरिशस में भारतीय यूजर्स यूपीआई के जरिए आसानी से पेमेंट कर पाएंगे। भारत में UPI की शुरुआत साल 2016 में हुई थी। सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, ग्रामीण इलाकों में इसमें 7.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। शहरों में भी इसका इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है।

Highlights

शहर और गांव में भी बढ़ा UPI का क्रेज

भारत में छोटे दुकानदारों और फर्म की ओर से ऑर्डर लेने या देने के लिए बड़ी संख्या में डिजिटल माध्यम का उपयोग किया जा रहा है। इसकी वजह यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) जैसी सुविधाों का समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना है। बता दें, देश ही नहीं बल्कि विदेशों में अब UPI को यूज कर पाएंगे। फ्रांस के बाद अब पड़ोसी देश श्रीलंका और मॉरिशस में यूजर्स UPI के जरिए ट्रांसजैक्शन कर पाएंगे।

Advertisement

सरकार ने बताए आंकड़े

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) की ओर से जारी सर्वे के अनुसार, यूपीआई से भुगतान करने या ऑनलाइन ऑर्डर देने के रूप में बिजनेस उद्देश्य के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल 2022-23 के बीच ग्रामीण इलाकों में बढ़कर 13.5 प्रतिशत हो गया है, जो पहले 7.7 प्रतिशत था. वहीं, शहरी इलाकों में यह बढ़कर 30.2 प्रतिशत हो गया है, जो पहले 21.6 प्रतिशत पर था. इस तरह ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में संयुक्त रूप से 7.2 प्रतिशत की बढ़त हुई है।

अब तक की Transaction

सर्वे के मुताबिक, गैर-कृषि असंगठित क्षेत्र की इकाइयों की औसत फिक्स्ड एसेट्स की वैल्यू 2022-23 में 3.18 लाख रुपये रही है, जो पहले 2.81 लाख रुपये थी, जो दर्शाता है कि इस सेक्टर में पूंजीगत निवेश बढ़ा है. वहीं, 2021-22 में बकाया लोन 37,408 रुपये प्रति इकाई था, जो कि 2022-23 में बढ़कर 50,138 रुपये हो गया है।

इससे पता चलता है कि लोगों के लिए लोन की उपलब्धता बढ़ी है। सर्वे के अनुसार मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 54 प्रतिशत असंगठित क्षेत्र की इकाइयों का स्वामित्व महिला उद्यमियों के पास है, जो दर्शाता है कि महिला केंद्रित योजनाओं का फायदा जमीनी स्तर पर हो रहा है।

नोट – इस खबर में दी गयी जानकारी निवेश के लिए सलाह नहीं है। ये सिर्फ मार्किट के ट्रेंड और एक्सपर्ट्स के बारे में दी गयी जानकारी है। कृपया निवेश से पहले अपनी सूझबूझ और समझदारी का इस्तेमाल जरूर करें। इसमें प्रकाशित सामग्री की जिम्मेदारी संस्थान की नहीं है। 

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Advertisement
Next Article