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UPSCR से खेतीबाड़ी को लगेंगे पंख, किसानों को मार्केटिंग, ग्रेडिंग और पैकिंग का मिलेगा अवसर

उत्तर प्रदेश स्टेट कैपिटल रीजन (यूपीएससीआर) से केवल शहरी लोगों को सहूलियत नहीं मिलेगी बल्कि किसानों को भी फायदा होने वाला है। खेतीबाड़ी को पंख तो लगेंगे ही, इनके उत्पाद का बाजिब मूल्य भी मिलेगा।

01:28 PM Sep 07, 2022 IST | Desk Team

उत्तर प्रदेश स्टेट कैपिटल रीजन (यूपीएससीआर) से केवल शहरी लोगों को सहूलियत नहीं मिलेगी बल्कि किसानों को भी फायदा होने वाला है। खेतीबाड़ी को पंख तो लगेंगे ही, इनके उत्पाद का बाजिब मूल्य भी मिलेगा।

upscr से खेतीबाड़ी को लगेंगे पंख  किसानों को मार्केटिंग  ग्रेडिंग और पैकिंग का मिलेगा अवसर
उत्तर प्रदेश स्टेट कैपिटल रीजन (यूपीएससीआर) से केवल शहरी लोगों को सहूलियत नहीं मिलेगी बल्कि किसानों को भी फायदा होने वाला है। खेतीबाड़ी को पंख तो लगेंगे ही, इनके उत्पाद का बाजिब मूल्य भी मिलेगा। इन्हें ऑर्गेनिक कृषि का मौका मिलेगा। बल्कि अपने उत्पादों की मार्केटिंग और पैकेजिंग का लाभ मिलेगा। इससे रोजगार सृजित होंगे।
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विशेषज्ञों की मानें तो बड़ा बाजार मिलने से कृषि उत्पादों के विक्रय की समस्या नहीं रहेगी। किसान बाजार की मांग के अनुसार खेतीबाड़ी या पशुपालन करेंगे। इससे कृषि विविधीकरण को बढ़ावा मिलेगा। इससे ग्रेडिंग, पैकिंग, लोडिंग, अनलोडिंग और ट्रांसपोर्टेशन के क्षेत्र में स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा।
 उत्पादों की कीमतें नियंत्रित करने में मददगार 
 टिकाऊ और शीघ्र नष्ट होने वाले, दोनों तरह के उत्पादों के भंडारण व संरक्षण के लिए वेयरहाउस तथा कोल्ड स्टोरेज इंडस्ट्री का विकास होगा। उत्पादों के उचित भंडारण की व्यवस्था होने से इनको लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकेगा, साथ ही एक्सप्रेसवे एवं रेल नेटवर्क के जरिये देश के अन्य महानगरों एवं बाजारों में भी जरूरत के अनुसार पहुचाया जा सकेगा। इस तरह की व्यवस्थित आपूर्ति चेन संवेदनशील उत्पादों की कीमतें नियंत्रित करने में भी मददगार होगी। योजना के पूरा होने पर सड़क पर ट्रैफिक का बोझ कम होगा। किसानों की आय भी बेहतर होगी।यमुना, लखनऊ-आगरा, पूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे बन चुका है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से शीघ्र ही गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे जुड़ जाएगा। गंगा एक्सप्रेसवे, बलिया लिंक एक्सप्रेसवे पर काम चल रहा है। कई अन्य एक्सप्रेसवे एवं फोरलेन प्रस्तवित हैं। इनके बनने से बलिया से गाजियाबाद, सोनभद्र से बुंदेलखंड तक एक दूसरे से जुड़ जाएंगे। रेल नेटवर्क से पहले ही यूपी पूरे देश से जुड़ा है।
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दुनिया के लिए खुलेगा उत्त्तर प्रदेश का बाजार 
अयोध्या, कुशीनगर एवं जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट एवं अन्य एयरपोर्ट के जरिये परिवहन सेवाओं को और विस्तार मिलेगा। इन सबके सामूहिक योगदान से देश ही नहीं, दुनिया के लिए उत्तर प्रदेश का बाजार खुल जाएगा।आने वाले समय में नेशनल कैपिटल रीजन (एनसीआर) की रैपिड रेल सेवा की तर्ज पर प्रदेश सरकार सिर्फ किसानों के उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने के लिए अलग से परिवहन सेवाएं भी शुरू कर सकती है। आपूर्ति चेन सुधरने से इनकी कीमतें भी नियंत्रित रहेंगी।इन खास रूटों पर वेयरहाउस भी बनाए जा सकते हैं। इन रूटों के प्रमुख स्थलों पर मांग के अनुसार कोल्ड स्टोरेज की चेन भी विकसित हो सकती है।
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इसमें छह जिले होंगे शामिल 
यूपीएससीआर के दायरे में आने वाले किसान इन वेयरहाउसेज और कोल्डस्टोरेज का इस्तेमाल अपना सामान रखने के लिए कर सकेंगें। जरूरत एवं मांग के अनुसार परिवहन के तेज माध्यमों के जरिये इनको प्रदेश और देश के दूसरे हिस्सों तक पहुंचाया जा सकेगा।सीएम योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि यह विशिष्ट क्षेत्र स्थिरता, स्वास्थ्य देखभाल, संस्कृति, पर्यावरण, शिक्षा और बुनियादी ढांचे के वैश्विक मानकों के अनुरूप जीवंतता सूचकांक (लाइवलीहुड इंडेक्स) में अपनी खास जगह बनाने वाला हो। इसमें छह जिले शामिल होंगे।
यूपीएससीआर किसानों के लिए बहुत उपयोगी 
2011 की जनगणना के अनुसार इन जिलों की जनसंख्या- 20741995 है। इनका कुल क्षेत्रफल 22273 वर्ग किलोमीटर है।सेवानिवृत्त आईएएस और लखनऊ विकास प्राधिकरण के वीसी दिवाकर त्रिपाठी ने बताया कि यूपीएससीआर बनने से जिला योजना कमेटी बनती है। इसमे बिजली, पानी, सिंचाई जैसी परियोजनाओं के विभागाध्यक्ष साथ बैठते हैं। इसमे पूरे क्षेत्र के होलस्टिक प्लान करते हैं। मूलभूत सुविधाएं रिहायशी और उद्योगों के लिये बनती है। किसानों के लिये बहुत उपयोगी होगी।
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