अमेरिकी राजदूत ने अदाणी से की मुलाकात, खावड़ा परियोजना स्थल का किया दौरा
भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने अदाणी समूह की दुनिया की सबसे बड़ी खावड़ा अक्षय ऊर्जा परियोजना का दौरा किया। यह इस बात का ताजा संकेत है कि समूह हिंडनबर्ग हमले से आगे बढ़ गया है और उसे नया समर्थन मिल रहा है।
गार्सेटी ने 16 जुलाई को खावड़ा का दौरा करने के बाद एक्स पर एक पोस्ट में कहा,"गुजरात में खावड़ा अक्षय ऊर्जा केंद्र की मेरी यात्रा से प्रेरणा मिली, जहां मैंने अदाणी ग्रीन की अभिनव परियोजनाओं के बारे में जाना, जो भारत के शून्य-उत्सर्जन के लक्ष्य को आगे बढ़ा रही हैं। ग्रीन ऊर्जा पर्यावरण संरक्षण की आधारशिला है, और हमारी द्विपक्षीय साझेदारी इस क्षेत्र और दुनिया के लिए एक स्वच्छ और हरित भविष्य के समाधान को आकार देने की कुंजी है।"
Inspired by my visit to the Khavda Renewal Energy Facility in Gujarat, where I learned about @AdaniGreen’s innovative projects advancing India’s zero-emissions goals. Sustainable energy is a cornerstone of environmental stewardship, and our bilateral partnership is key to shaping… pic.twitter.com/ODaK7ipbkU
— U.S. Ambassador Eric Garcetti (@USAmbIndia) July 16, 2024
गौरतलब है कि अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड गुजरात के कच्छ में खावड़ा में बंजर भूमि पर 30 हजार मेगावाट की दुनिया की सबसे बड़ी अक्षय ऊर्जा परियोजना विकसित कर रही है। 538 वर्ग किलोमीटर की यह परियोजना पेरिस से पांच गुना बड़ी है और मुंबई शहर के बराबर है। एजीईएल ने काम शुरू करने के 12 महीनों के भीतर दो हजार मेगावाट के उत्पादन के साथ परियोजना का लगभग छह प्रतिशत चालू कर दिया है और पूरी परियोजना 2030 तक पूरी होनी है।
Grateful to @USAmbIndia for his visit to Adani's 30 GW Renewable Energy site at Khavda and Mundra Port. Invaluable insights on geopolitics, energy transition and India-U.S. relations in an open and candid Q&A with Adanians. Amazing to see his adoption of Indian culture, from… https://t.co/1oyd5IRF9y pic.twitter.com/ZOCNr2VApr
— Gautam Adani (@gautam_adani) July 16, 2024
ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने गार्सेटी के साथ एक तस्वीर पोस्ट करके और उनके दौरे के लिए धन्यवाद देकर जवाब दिया, "खावड़ा और मुंद्रा पोर्ट पर अदाणी के 30 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी साइट पर उनके दौरे के लिए भारत में अमेरिका के राजदूत का आभारी हूं। इस दौरान उनके साथ भू-राजनीति, ऊर्जा संक्रमण और भारत-अमेरिका संबंधों पर खुली चर्चा हुई। कड़क चाय पीने से लेकर होली मनाने, क्रिकेट खेलने, हिंदी में बात करने और राेज छोले भटूरे खाने और भारतीय संस्कृति के प्रति उनकी दीवानगी अद्भुत है!"