ट्रंप ने 'Birth Tourism' पर लगाई रोक, अमेरिका में बच्चे को जन्म देने वालों को अब नहीं मिलेगा टूरिस्ट वीजा
US Embassy Advisory on Birth Tourism: अमेरिकी दूतावास ने हाल ही में भारत के नागरिकों के लिए वीजा संबंधी नई चेतावनी जारी की है। इस चेतावनी में कहा गया है कि अगर किसी व्यक्ति का मुख्य उद्देश्य अमेरिका में जाकर बच्चे को जन्म देना और उसकी नागरिकता का फायदा उठाना है, तो उसका टूरिस्ट वीजा (B-1/B-2) अस्वीकार कर दिया जाएगा। इस प्रक्रिया को बर्थ टूरिज़्म कहा जाता है।
US Embassy Advisory on Birth Tourism: बर्थ टूरिज़्म क्या है?
बर्थ टूरिज़्म का मतलब है कि गर्भवती महिलाएं किसी देश में केवल इसलिए जाती हैं ताकि उनका बच्चा वहां पैदा हो और उसे उस देश की नागरिकता मिल सके। अमेरिका में जन्म लेने वाले बच्चों को 14वें संविधान संशोधन के तहत नागरिकता मिलती है। इसी वजह से कई लोग प्रेग्नेंसी के दौरान अमेरिका जाकर जन्म देते थे और इसके माध्यम से माता-पिता को भी लाभ मिलता था।
US Embassy in Indias Warning: अमेरिकी दूतावास की नई एडवाइजरी
अमेरिकी दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर स्पष्ट किया कि अगर वीज़ा अधिकारी को लगता है कि आवेदक का मुख्य उद्देश्य केवल बच्चे की अमेरिकी नागरिकता है, तो उसका वीज़ा आवेदन तुरंत रद्द कर दिया जाएगा। अब ऐसे किसी भी उद्देश्य के लिए अमेरिका की यात्रा पूरी तरह प्रतिबंधित है।
Birth Tourism US: पहले भी बनाए थे कड़े नियम
इससे पहले भी ट्रंप प्रशासन ने बर्थ टूरिज़्म को रोकने के लिए कई नियम बनाए थे। ट्रंप ने तो जन्मसिद्ध नागरिकता (Birthright Citizenship) को खत्म करने का आदेश भी दिया था, लेकिन अदालतों की चुनौती के कारण यह नियम पूरी तरह लागू नहीं हो सका। अमेरिकी विदेश विभाग का कहना है कि इस loophole का उपयोग अमेरिकी हेल्थ-केयर सिस्टम पर अतिरिक्त दबाव डालता है।
वीजा तभी मिलेगा जब अमेरिका में यात्रा करने के लिए केवल वैध मेडिकल कारणों को ही स्वीकार किया जाएगा। यानी अमेरिका में चिकित्सा जरूरत साबित करनी होगी। इलाज और डिलीवरी के खर्च उठाने की क्षमता दिखानी होगी। केवल नागरिकता पाने के उद्देश्य से यात्रा पूरी तरह मना है। USCIS ने जुलाई में "Implementation Blueprint" भी जारी किया है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि अदालतों की मंजूरी मिलते ही ये नियम लागू होंगे।
भविष्य में वीजा और मुश्किल होगा
यह कदम अमेरिकी वीज़ा प्रक्रिया में कठोरता का हिस्सा है। H-1B और H-4 वीज़ा पर भी अब कड़ी जांच की जाएगी। सोशल मीडिया अकाउंट की समीक्षा, गलत जानकारी या संदिग्ध विवरण होने पर वीज़ा रद्द किया जा सकता है। हाल ही में लगभग 85,000 वीज़ा आवेदन रद्द किए गए और कई भारतीयों के वीज़ा इंटरव्यू 2026 तक के लिए आगे बढ़ा दिए गए।
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