अफगानिस्तान से हुई अमेरिकी सेना की घर वापसी, नाटो की पहल से खत्म होगी दोनों देशों की टकरार
संयुक्त राज्य अमेरिका की तरफ से यह घोषित किए जाने के बाद कि 11 सितंबर तक सभी अमेरिकी सेना पूरी तरह से अफगानिस्तान छोड़ देंगे।
11:51 AM Apr 15, 2021 IST | Desk Team
संयुक्त राज्य अमेरिका की तरफ से यह घोषित किए जाने के बाद कि 11 सितंबर तक सभी अमेरिकी सेना पूरी तरह से अफगानिस्तान छोड़ देंगे, अब उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के सदस्यों ने बुधवार को यहां से अपने सशस्त्र बलों की वापसी को लेकर सहमति व्यक्त की है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक एक वर्चुअल बैठक में नाटो के विदेश और रक्षा मंत्रियों के दिए गए बयान के मुताबिक, अमेरिका ने 9/11 की घटना के बाद अफगानिस्तान पर हमला किया था।
साथ ही साथ नाटो के अन्य सदस्य देशों ने भी अपने सैन्य बलों की तैनाती की थी ताकि अल कायदा और संयुक्त राज्य अमेरिका पर हमला करने वालों का सामना किया जा सके और अफगानिस्तान का इस्तेमाल अपने लिए एक सुरक्षित गढ़ के रूप में कर इन पर हमला करने से उन्हें रोका जा सके। बयान में आगे कहा गया, यह जानते हुए कि अफगानिस्तान के सामने आने वाली चुनौतियों का कोई सैन्य समाधान नहीं है, नाटो के सदस्यों द्वारा 1 मई से अपनी सेना की वापसी की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी और कुछ महीनों के बाद इस काम को खत्म कर लिया जाएगा।
नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने अमेरिकी राज्य सचिव एंटनी ब्लिंकन और रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, अगर वापसी के दौरान सहयोगी देशों की सेनाओं पर कोई भी तालिबानी हमला होता है, तो इस पर कड़ी जवाबी प्रतिक्रिया दी जाएगी। सेना को वापस बुला लेने का यह मतलब नहीं है कि अफगानिस्तान के साथ नाटो का रिश्ता खत्म हो गया है, बल्कि यह तो एक नए अध्याय की शुरुआत होगी। वर्तमान समय में अफगानिस्तान में नाटो के करीब 10,000 सैनिक तैनात हैं।
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