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मुक्त हिंद-प्रशांत के साझा दृष्टिकोण पर अमेरिका, भारत मिलकर काम करेंगे : अमेरिकी रणनीति

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में बुधवार को कहा गया कि अमेरिका और भारत मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत के अपने साझा दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय दोनों व्यवस्थाओं में मिलकर काम करेंगे।

10:38 PM Oct 12, 2022 IST | Shera Rajput

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में बुधवार को कहा गया कि अमेरिका और भारत मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत के अपने साझा दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय दोनों व्यवस्थाओं में मिलकर काम करेंगे।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में बुधवार को कहा गया कि अमेरिका और भारत मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत के अपने साझा दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय दोनों व्यवस्थाओं में मिलकर काम करेंगे।
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इसके साथ ही इस रणनीति में चीन को अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ‘प्रमुख खतरों में से एक’ बताया गया है।
यहां सार्वजनिक की गयी रणनीति में कहा गया है, ‘‘भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और एक प्रमुख रक्षा भागीदार है, ऐसे में मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत के अपने साझा दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए अमेरिका और भारत द्विपक्षीय और बहुपक्षीय रूप से मिलकर काम करेंगे।’’
रणनीति में हिंद-प्रशांत संधि सहयोगियों – ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया, फिलीपीन और थाईलैंड के लिए अमेरिका की दृढ़ प्रतिबद्धताओं की पुष्टि की गई है।
इसमें कहा गया है, “हम इन गठबंधनों का आधुनिकीकरण करते रहेंगे। हम अपनी पारस्परिक सुरक्षा संधि के तहत जापान की रक्षा के लिए अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं, इसमें जिसमें सेनकाकू द्वीप शामिल हैं।’’
अमेरिका, भारत सहित विश्व की कई अन्य शक्तियां चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामता की पृष्ठभूमि में मुक्त, खुले और संपन्न हिंद-प्रशांत क्षेत्र की आवश्यकता पर जोर देती रही हैं।
चीन विवादित दक्षिण चीन सागर के लगभग सम्पूर्ण क्षेत्र पर अपना दावा करता है हालांकि ताइवान, फिलीपीन, ब्रूनेई, मलेशिया, वियतनाम भी इसके हिस्सों पर दावा करते है। चीन ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप बनाए हैं और सैन्य प्रतिष्ठान स्थापित किए हैं।
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