भारत पहुंचे अमेरिकी उप-राष्ट्रपति, आज होगी प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक
कल जयपुर में संबोधन, ताज महल भी जाएंगे वेंस। क्या टैरिफ पर होगी चर्चा?
अमेरिकी उप-राष्ट्रपति जे.डी. वेंस अपने परिवार के साथ भारत पहुंचे। वेंस ने दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर लैंड किया और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उनका स्वागत किया। वेंस का यह दौरा टैरिफ वॉर के बीच महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वह आज शाम प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक करेंगे, जिससे भारत-अमेरिका रिश्तों के और मजबूत होने की उम्मीद है।वेंस के साथ टैरिफ पर चर्चा प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर होगी। संतुलित टैरिफ दोनों देशों के बीच होने वाले व्यापार के लिए रामबाण साबित हो सकता है।
अमेरिकी उप-राष्ट्रपति जे.डी. वेंस अपने परिवार सहित भारत पहुंच चुके हैं। उनका जहाज़ करीब 10 बजे दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव वेंस के आगमन पर एयरपोर्ट पर ही मौजूद थे। पूरी दुनिया में चल रहे टैरिफ वॉर के बीच वेंस का यह दौरा बहुत महत्वपूर्ण माना जा सकता है। वेंस 4 दिवसीय दौरे पर भारत आए हैं। अमेरिकी उप-राष्ट्रपति का काफिला एयरपोर्ट से अक्षरधाम मंदिर के लिए रवाना हो गया है। आज शाम प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक करेंगे जे.डी. वेंस। इस दौरे से भारत-अमेरिका रिश्तों के और मजबूत होने की उम्मीद जताई जा रही है।
कल जयपुर में संबोधन, ताज महल भी जाएंगे वेंस
अमेरिकी उप-राष्ट्रपति जे.डी. वेंस आज प्रधानमंत्री से बैठक के बाद जयपुर के लिए रवाना हो जाएंगे। कल जयपुर के “राजस्थान अंतरराष्ट्रीय केंद्र” में उप-राष्ट्रपति वेंस भारत-अमेरिकी रिश्तों को लेकर संबोधन देंगे। यह संबोधन भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों के भविष्य की दिशा तय करेगा।
वेंस जयपुर के बाद अपने परिवार के साथ ताज महल देखने भी जाएंगे। वहां भी अमेरिकी उप-राष्ट्रपति के आगमन की तैयारी शुरू हो गई है।
भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर चर्चा के लिए आएंगे अमेरिकी उपराष्ट्रपति
क्या टैरिफ पर होगी चर्चा?
ट्रंप के जब से दूसरी बार सत्ता संभाली है, अमेरिकी टैरिफ चर्चा का विषय बना हुआ है। ट्रंप के नेतृत्व वाली अमेरिकी सरकार ने सत्ता संभालते ही दुनिया के कई देशों पर लगने वाले टैरिफ में कई गुणा बढ़ोतरी की है। चीन के ऊपर तो लगभग 200 प्रतिशत टैरिफ लगा दी गई है।
ऐसी स्थिति में भारत के लिए वेंस के साथ टैरिफ पर चर्चा प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर होगी। संतुलित टैरिफ दोनों देशों के बीच होने वाले व्यापार के लिए रामबाण साबित हो सकता है।