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अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के भारत दौरे से दोनों देशों के रिश्तों को मजबूती मिलेगी - भारतीय राजदूत संधू

अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी की प्रक्रिया जारी है और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की इस महीने के आखिर में होने वाले भारत के दौरे से सभी क्षेत्रों में दोनों देशों की साझेदारी को मजबूती मिलेगी।

07:25 PM Feb 14, 2020 IST | Shera Rajput

अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी की प्रक्रिया जारी है और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की इस महीने के आखिर में होने वाले भारत के दौरे से सभी क्षेत्रों में दोनों देशों की साझेदारी को मजबूती मिलेगी।

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के भारत दौरे से दोनों देशों के रिश्तों को मजबूती मिलेगी   भारतीय राजदूत संधू
अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी की प्रक्रिया जारी है और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की इस महीने के आखिर में होने वाले भारत के दौरे से सभी क्षेत्रों में दोनों देशों की साझेदारी को मजबूती मिलेगी। 
श्री संधू ने अमेरिका-भारत व्यापार परिषद और व्यापार समर्थक समूह द्वारा अपने सम्मान में आयोजित किये गये कार्यक्रम में कहा कि मौजूदा समय में भारत और अमेरिका के संबंधों के लिए जबरजस्त अवसर है और आने वाले दिनों में दोनों देश परस्पर साझेदारी को जारी रखना चाहते हैं। 
उन्होंने कहा, ‘‘भारत और अमेरिका की साझेदारी प्रगाढ़ है तथा इसे और मजबूत करने के लिए काम किया जा रहा है। राष्ट्रपति ट्रम्प के भारत दौरे से सभी क्षेत्रों में दोनों देशों की साझेदारी मजबूत होगी।’’ 
उल्लेखनीय है कि श्री ट्रम्प प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण पर 24 फरवरी से दो दिवसीय भारत के दौरे पर रहेंगे। 
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2024 तक भारतीय अर्थ व्यवस्था को 50 खरब डॉलर करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। और अमेरिका उस लक्ष्य को हासिल करने में एक पसंदीदा साझेदार है। 
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार में 10 प्रतिशत की दर से बढ़तरी हुई है और वर्ष 2019 में 16 करोड़ डॉलर का हो गया था। वहीं दोनों ओर से होने वाला विनिवेश वर्ष 2018 में छह करोड़ डॉलर का था। 
दो सौ से अधिक भारतीय कंपनीय में अमेरिका में एक करोड़ 80 लाख डॉलर का निवेश किया है। वहीं दो सौ से अधिक अमेरिकी कंपनी इस समय भारत में व्यापार कर रही हैं। 
श्री संधू ने कहा कि रक्षा और ऊर्जा के क्षेत्र में भागीदारी द्विपक्षीय संबंधों के लिए गेम चेंजर है, जिसे सबसे परिवर्तनकारी रिश्ते के रूप में देखा जा रहा है। 
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में लगभग एक करोड़ 80 लाख डॉलर की साझेदारी है और इसमें और बढ़तरी होने की उम्मीद है। वर्ष 2016 में अमेरिका ने भारत के एक बड़ रक्षा साझेदार के दौर मान्यता दी और सहयोग को बढ़ने के लिए द्वार खोल दिया।
श्री संधू ने कहा कि लॉजिस्टिक एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (एलईएमओए) तथा संचार अनुकुलता एवं सुरक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर करके दोनों देशों ने दिसंबर 2019 में द्विपक्षीय वार्ता के दौरान अधिक से अधिक सहयोग बढ़ने के लिए एक सक्षम ढांचा तैयार किया। हमने औद्योगिक सुरक्षा के क्षेत्र में समझौता करने की घोषणा की है। 
उन्होंने कहा, ‘‘रक्षा क्षेत्र में व्यापार के लिए बहुत अवसर है। ऊर्जा क्षेत्र में गत वर्ष दोनों देशों के बीच व्यापार 80 लाख डॉलर पहुंच गया था। वर्ष 2017 में दोनों देशों ने ऊर्जा साझेदारी को एक रणनीतिक भागीदारी में तब्दील करने के लिए कदम उठाया।’’ 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2016 में अमेरिका कांग्रेस (संसद) के संयुक्त सत्र को संबोधित किया था और कहा था कि भारत-अमेरिका के संबंध को भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता दी गई है, क्योंकि दोनों देशों ने इतिहास के संकोच को दूर किया है। 
श्री संधू ने कहा, ‘‘ हमने देखा है कि इसके बाद हमारे संबंध एक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी के रूप में तब्दील हुए हैं। हम कई क्षेत्रों जैसे आतंकवाद का मुकाबला, रक्षा भारत-प्रशांत, विज्ञान, तकनीक, व्यापार और निवेश के क्षेत्र में समन्वय और सह-संचालन कर रहे हैं।
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Shera Rajput

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