अमेरिका ने हिंद-प्रशांत पहल पर आलोचना के लिए रूस को आड़े हाथ लिया
अमेरिका ने हिंद-प्रशांत पहल को मौजूदा क्षेत्रीय ढांचों को नुकसान पहुंचाने वाली ‘विभाजनकारी कोशिश’ कहने पर गुरूवार को रूस पर निशाना साधा और कहा कि इस अवधारणा का मकसद किसी देश को अलग-थलग करना नहीं, बल्कि यह ‘सिद्धांत आधारित सोच’ है।
04:09 PM Jan 16, 2020 IST | Shera Rajput
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अमेरिका ने हिंद-प्रशांत पहल को मौजूदा क्षेत्रीय ढांचों को नुकसान पहुंचाने वाली ‘विभाजनकारी कोशिश’ कहने पर गुरूवार को रूस पर निशाना साधा और कहा कि इस अवधारणा का मकसद किसी देश को अलग-थलग करना नहीं, बल्कि यह ‘सिद्धांत आधारित सोच’ है।
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रायसीना डायलॉग में अपने भाषण में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने बुधवार को अमेरिका नीत हिंद-प्रशांत पहल की पुरजोर निंदा करते हुए कहा था कि इसका मकसद क्षेत्र में चीन के दबदबे को रोकना है।
इस आलोचना के जवाब में अमेरिकी उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मैथ्यू पॉटिंगर ने कहा कि स्वतंत्र और खुला हिंद-प्रशांत क्षेत्र कोई समूह या सैन्य गठबंधन नहीं है, बल्कि सैद्धांतिक सोच है।
उन्होंने रायसीना डायलॉग के अंतिम सत्र में कहा, ‘‘यह देशों का समुदाय है जो कानून के शासन का सम्मान करता है, समुद्री क्षेत्र तथा आसमान में परिवहन की आजादी के लिए खड़ा रहता है, खुले व्यापार, खुली सोच को बढ़ावा देता है तथा इस सबके ऊपर हर देश की संप्रभुता का बचाव करता है।’’
पॉटिंगर ने कहा, ‘‘इसलिए यह खुला और स्वतंत्र है। यह किसी देश को अलग नहीं करता, बल्कि हर राष्ट्र से उन सिद्धांतों का सम्मान और उन्हें प्रोत्साहित करने को कहता है जो हम साझा रूप से रखते हैं।’’
उन्होंने यूरेशियाई आर्थिक परियोजना जैसी हिंद-प्रशांत की स्पर्धा वाली सोच की आलोचना करते हुए कहा कि इन दृष्टिकोणों में कम स्वतंत्रता, कम खुलापन, कम लचीलापन है और ये अधिक अवरोधक लगते हैं।
रूस के चीन तथा ईरान के साथ संभावित गठजोड़ की धारणाओं पर पॉटिंगर ने हैरानी जताते हुए कहा कि ये तीनों देश किस तरह की बातचीत करेंगे।
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