US Tariffs: चीन का अमेरिका पर पलटवार, अमेरिकी वस्तुओं पर 125% टैरिफ लगाया
चीन ने अमेरिकी आयात पर 125% टैरिफ बढ़ाया, WTO में केस दर्ज
चीन ने अमेरिका के खिलाफ 125 प्रतिशत टैरिफ लगाकर पलटवार किया है। चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने WTO में केस दर्ज किया और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने टैरिफ युद्ध को आत्म-अलगाव बताया। चीन का यह कदम अमेरिकी टैरिफ बढ़ोतरी के जवाब में है, जिससे व्यापार युद्ध और बढ़ने की संभावना है।
चीन और अमेरिका एक दूसरे पर लगातार टैरिफ बम फोड़ रहे है। चीन अमेरिका के आगे झुकने के लिए तैयार नहीं यही कारण है कि चीन ने अब अमेरिका के सभी सामानों के आयात पर 125 प्रतिशत टैरिफ लगाकर अमेरिकी टैरिफ पर पलटवार किया। चीनी सरकारी शिन्हुआ एजेंसी ने राज्य परिषद के सीमा शुल्क टैरिफ आयोग की जानकारी देते हुए कहा कि वह 12 अप्रैल से प्रभावी अमेरिका से आयातित उत्पादों पर अतिरिक्त टैरिफ को 84 प्रतिशत से बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर देगा। चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि चीन ने नए अमेरिकी टैरिफ बढ़ोतरी के बाद WTO में केस भी दर्ज किया है।
BREAKING:
China announces it is raising tariffs on all American imports to 125%. pic.twitter.com/W9NmZAdEOw
— Globe Eye News (@GlobeEyeNews) April 11, 2025
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का बयान
अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध पर अपनी पहली सार्वजनिक टिप्पणी में, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि टैरिफ युद्ध में कोई जीत नहीं सकता है और दुनिया के खिलाफ जाने से केवल आत्म-अलगाव होगा। बता दें कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने यह बयान आज बीजिंग में स्पेन के प्रधान मंत्री पेड्रो सांचेज़ के साथ अपनी बैठक के दौरान दिया था। चीन और यूरोपीय संघ से अपनी अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों को पूरा करने आर्थिक वैश्वीकरण और अंतरराष्ट्रीय व्यापार वातावरण की रक्षा के लिए मिलकर काम करने और एकतरफा फैसला लेने का विरोध करने का आह्वान किया।
चीन पर अमेरिका ने लगाया 145 प्रतिशत टैरिफ
चीन के आयोग के अनुसार यदि अब अमेरिका और भी अधिक टैरिफ लगाता है, तो भी यह आर्थिक रूप से समझदारी नहीं होगी और विश्व आर्थिक इतिहास में एक मजाक के रूप में जाना जाएगा। अमेरिका में व्हाइट हाउस के अनुसार, चीनी आयात पर वर्तमान अमेरिकी टैरिफ में चीन से आयातित सभी उत्पादों पर 145 प्रतिशत शुल्क शामिल है। चीन ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा लगाए गए अत्यधिक टैरिफ अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक और व्यापार नियमों का गंभीर उल्लंघन करते है। यह बुनियादी आर्थिक कानूनों के खिलाफ हैं। बता दें कि 10 अप्रैल को ट्रंप ने 90 दिनों के लिए कई देशों में टैरिफ़ पर रोक लगाई थी साथ ही चीन के लिए टैरिफ़ को बढ़ाकर 145 प्रतिशत कर दिया गया।