टॉप न्यूज़भारतविश्वराज्यबिजनस
खेल | क्रिकेटअन्य खेल
बॉलीवुड केसरीराशिफलSarkari Yojanaहेल्थ & लाइफस्टाइलtravelवाइरल न्यूजटेक & ऑटोगैजेटवास्तु शस्त्रएक्सपलाइनेर
Advertisement

रूस से तेल खरीदने की भारत की योजना के पीछे के आर्थिक पहलू को अमेरिका समझता है : जेन पसाकी

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की प्रवक्ता जेन पसाकी ने कहा है कि रूस से तेल खरीदने की भारत की योजना के पीछे के आर्थिक पहलू को अमेरिका समझता है।

02:04 PM Mar 19, 2022 IST | Desk Team

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की प्रवक्ता जेन पसाकी ने कहा है कि रूस से तेल खरीदने की भारत की योजना के पीछे के आर्थिक पहलू को अमेरिका समझता है।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की प्रवक्ता जेन पसाकी ने कहा है कि रूस से तेल खरीदने की भारत की योजना के पीछे के आर्थिक पहलू को अमेरिका समझता है। जेन पसाकी ने शुक्रवार को नियमित प्रेस ब्रीफिंग में रूस से भारत के तेल खरीदने के सवाल पर कहा कि अमेरिका ने रूस के तेल आयात पर प्रतिबंध लगाया है। हर देश ने यह निर्णय नहीं लिया है। हम यह समझते हैं कि उनके पास विभिन्न आर्थिक वजहें हैं, जिसके कारण यूरोप के कुछ देशों सहित अगल-अलग देश ऐसा क्यों कर रहे हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि इस मसले को लेकर विभिन्न स्तर पर भारतीय नेताओं से बात की जा रही है लेकिन बाइडेन से अभी खुद इस पर बात नहीं की है। उन्होंने बताया कि राजनीति मामलों की अवर सचिव विक्टोरिया न्यूलैंड की अगुवाई में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल शनिवार को दक्षिण एशिया के दौरे पर जा रहा है और वह भारतीय अधिकारियों से भी मुलाकात करेगा। 
जेन ने कहा, लेकिन हम जो दुनिया को दिखायेंगे या संदेश देंगे, वह यह होगा कि यूक्रेन के मामले में आप किस तरफ खड़े हैं और आप किसी भी रूप में क्या रूस का समर्थन कर रहे हैं। इससे पहले जेन ने कहा था कि रूस से तेल खरीद कर भारत अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं करेगा। हालांकि, इसके बावजूद अमेरिका में भारत के इस निर्णय की काफी आलोचना हो रही है। जर्मनी भी रूस से अपनी ऊर्जा खरीद जारी रखे है लेकिन उसे इतनी सख्त आलोचना का सामना नहीं करना पड़ रहा है।
अमेरिका ने रूस की कुछ बड़ी तेल कंपनियों पर पाबंदी लगायी है लेकिन उसने तेल, गैस या कोयले के आयात को प्रतिबंध के दायरे से दूर रखा है क्योंकि ऐसा करने पर उसके यूरोपीय मित्र राष्ट्रों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। ये देश अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिये मूल रूप से रूस के आयात पर निर्भर हैं। भारत के पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि रूस से कम कीमत पर कच्चा तेल खरीदने की योजना पर चर्चा की जा रही है। भारत मुख्य रूप से खाड़ी देशों से तेल का आयात करता है।
बाइडेन प्रशासन और भारत एक संतुल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। अमेरिका चीन के रूस के खेमे में जाने के कारण भारत को अपने पक्ष में रखना चाहता है। दूसरी तरफ भारत को हथियार आपूर्ति को सुचारू रखने के लिये रूस से संबंधों को बनाये रखने की जरूरत है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन के मसले पर आये तीन प्रस्तावों और आम सभा में पेश एक प्रस्ताव पर अपना रुख तटस्थ रखा है।
Advertisement
Advertisement
Next Article