पाकिस्तान मूल का था लंदन ब्रिज पर हमला करने वाला उस्मान
ब्रिटेन के लंदन ब्रिज पर शुक्रवार को हुए आतंकी हमले में शामिल हमलावर पाकिस्तानी मूल का था। डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने बताया कि शनिवार को लंदन ब्रिज पर हुई चाकूबाजी की घटना में हमलावर की पहचान उस्मान खान (28) के रूप में हुई है, जो ब्रिटेन के स्टैफोर्डशायर में रहता था।
04:26 PM Nov 30, 2019 IST | Shera Rajput
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ब्रिटेन के लंदन ब्रिज पर शुक्रवार को हुए आतंकी हमले में शामिल हमलावर पाकिस्तानी मूल का था। डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने बताया कि शनिवार को लंदन ब्रिज पर हुई चाकूबाजी की घटना में हमलावर की पहचान उस्मान खान (28) के रूप में हुई है, जो ब्रिटेन के स्टैफोर्डशायर में रहता था।
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मीडिया की खबरों के अनुसार, लंदन ब्रिज के निकट शुक्रवार को हुई चाकूबाजी की घटना में शामिल संदिग्ध 2012 में भी आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त होने का दोषी पाया गया था, जिसे दिसंबर 2018 में जमानत मिल गई। चाकूबाजी की इस घटना में दो लोग मारे गए, जबकि तीन अन्य घायल हो गए।
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हमलावर ने नकली विस्फोटक जैकेट पहनी थी। उसने ब्रिज पर मौजूद लोगों को खुद को उड़ाने की धमकी भी दी। इसके बाद पुलिस ने उसे गोली मार दी और उसकी मौत हो गई।
डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, सहायक आयुक्त नील बसु ने अपने बयान में बताया,’अब हम संदिग्ध की पहचान की पुष्टि करने की स्थिति में हैं। उसकी पहचान 28 वर्षीय उस्मान खान के रूप में हुई है जो स्टैफोर्डशायर क्षेत्र में रहता था। हमलावर को आतंकवाद में संलिप्तता के कारण 2012 में दोषी ठहराया गया था, जिसे दिसंबर 2018 में जेल से रिहा कर दिया गया।’
डॉन न्यूज ने द टेलीग्राफ के हवाले से बताया कि खान ब्रिटेन में पैदा हुआ एक पाकिस्तानी मूल का नागरिक था। खान ने किशोरावस्था में अपना समय पाकिस्तान में बिताया, जहां वह अपनी बीमार मां के साथ रहता था। फिर कुछ दिनों बाद वह ब्रिटेन लौट गया और इंटरनेट के जरिए वह कट्टरपंथियों से प्रभावित होकर उनके संपर्क में आ गया।
रिपोर्ट में बताया गया कि जनवरी 2012 में खान ब्रिटेन के आतंकवाद अधिनियम 2006 की धारा 5 (1) के तहत आतंकवाद के कृत्यों में शामिल होने के कारण दोषी पाया गया। ब्रिटेन में वह अल-कायदा की विचारधारा से जुड़े एक गुट में शामिल हुआ। साल 2012 में सजा सुनाते वक्त न्यायाधीश ने उसे खतरनाक जिहादी बताया था और साथ ही कहा था कि उसे तब तक नहीं छोड़ा जाना चाहिए, जब तक वह लोगों के लिए खतरा है।

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