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उत्पन्ना एकादशी के दिन भूल से भी न करें ये 10 काम, वरना हो जाएगा अनर्थ!

03:12 PM Nov 12, 2025 IST | Khushi Srivastava
उत्पन्ना एकादशी के दिन भूल से भी न करें ये 10 काम  वरना हो जाएगा अनर्थ
Utpanna Ekadashi Fasting Rules (Punjab Kesari File)
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Utpanna Ekadashi Fasting Rules: हिंदू धर्म में एकादशी व्रतों का अत्यंत विशेष स्थान बताया गया है। साल में आने वाली 24 एकादशियों में से उत्पन्ना एकादशी को पहली और मूल एकादशी माना जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित होता है। हर साल मार्गशीर्ष माह (अगहन) के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर यह व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से सभी दुखों का नाश होता है और साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है। ऐसा माना जाता है कि यदि व्यक्ति उत्पन्ना एकादशी का व्रत रखता है, तो उसे व्रत कथा का पाठ जरूर करना चाहिए, तभी व्रत सफल होता है।
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Utpanna Ekadashi 2025: उत्पन्ना एकादशी 2025 की तिथि

Utpanna Ekadashi 2025
Utpanna Ekadashi 2025 (Photo: AI Generated)
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उत्पन्ना एकादशी का व्रत 15 नवंबर 2025 (शनिवार) को रखा जाएगा। यह तिथि देर रात 12:49 बजे आरंभ होकर अगले दिन यानी 16 नवंबर को देर रात 2:37 बजे समाप्त होगी। इस दिन उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र और विश्कुंभ योग रहेगा। पूजा और व्रत आरंभ करने के लिए सबसे शुभ समय अभिजीत मुहूर्त माना गया है, जो सुबह 11:44 से 12:27 तक रहेगा।
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Utpanna Ekadashi Vrat Benefits: व्रत का महत्व

हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, उत्पन्ना एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे अपार पुण्य की प्राप्ति होती है। यह व्रत न केवल आत्मिक शुद्धि प्रदान करता है, बल्कि परिवार में सुख, शांति और समृद्धि भी लाता है। इस व्रत को करने से भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में सकारात्मकता और मानसिक शांति बनी रहती है। हालांकि, इस दिन व्रत के कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक होता है।

Utpanna Ekadashi Fasting Rules: उत्पन्ना एकादशी पर क्या करें?

Utpanna Ekadashi 2025
Utpanna Ekadashi 2025 (Photo: AI Generated)
  1. इस दिन सूर्योदय से पहले पानी में गंगाजल मिलाकर उससे स्नान करें और "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करें।
  2. उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी और देवी एकादशी की पूजा करें।
  3. शाम को तुलसी के सामने घी का दीपक जलाएं।
  4. उत्पन्ना एकादशी व्रत कथा पढ़ें या सुनें। रात में भजन-कीर्तन और जागरण करें।
  5. अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर ब्राह्मणों भोज का आयोजन करेंऔर दान देकर व्रत का पारण करें।

Utpanna Ekadashi Fasting Rules: उत्पन्ना एकादशी पर इन कामों को करना है वर्जित

Utpanna Ekadashi Fasting Rules
Utpanna Ekadashi Fasting Rules (Photo: AI Generated)
  1. उत्पन्ना एकादशी के दिन चावल का सेवन करना वर्जित माना जाता है। इस दिन मटर, मसूर और चना दाल न खाएं।
  2. इस दिन कांसे के बर्तन में खाना बनाने और खाने से बचें।
  3. इस दिन साधारण नमक, तामसिक भोजन और मांस-मदिरा का सेवन भूलकर भी न करें।
  4. उत्पन्ना एकादशी के दिन व्रत रखने वाले लोग दिन में सोने से बचें।
  5. इस दिन काले या गहरे रंग के कपड़े न पहनें।
  6. इस  दिन लड़ाई-झगड़े से बचें। साथ ही किसी को अपशब्द न कहें, न ही किसी से झूठ बोलें।
  7. उत्पन्ना एकादशी के दिन नाखून काटना, बाल धोना, तेल लगाना या शरीर पर साबुन लगाना भी मना होता है।
  8. इस दिन तुलसी की पूजा होती है, इसलिए तुलसी के पत्ते न तोड़ें।
  9. इस दिन बिस्तर पर सोने के बजाय, जमीन या चौकी पर सोएं।
  10. उत्पन्ना एकादशी के दिन घर को साफ रखें, लेकिन इस दिन पोंछा लगाने से बचें।

यह भी पढ़ें- Utpanna Ekadashi 2025: मुर दैत्य के वध की अलौकिक कथा, जिसके बिना निष्फल है उत्पन्ना एकादशी का व्रत

 

डिस्क्लेमर- इस लेख बताई गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। पंजाब केसरी इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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Khushi Srivastava

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खुशी श्रीवास्तव मीडिया इंडस्ट्री में करीब 3 साल का अनुभव रखती हैं। वायरल कंटेंट, लाइफस्टाइल, हेल्थ और वास्तु शास्त्र टिप्स पर प्रमुखता से काम किया है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज से मास्टर ऑफ मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई के बाद पहली बार पत्रकारिता के श्रेत्र में कदम रखा। इसके बाद अमर उजाला प्रिंट (प्रयागराज) में इंटर्नशिप की। फिलहाल खुशी, पंजाब केसरी दिल्ली के डिजिटल प्लैटफॉर्म के लिए कंटेंट राइटिंग का काम करती हैं।

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