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Uttar Pradesh by-election : BJP के लिए बदल रहा है मुस्लिमों का नजरिया!

उत्तर प्रदेश की सात विधानसभा सीटों पर चुनाव होने है।सभी पार्टियां चुनाव में अपना पूरा दमखम दिखने को तैयार है।इस बार समाजवादी पार्टी की हार से निराश मुस्लिम वोटरों का झुकाव अब भारतीय जनता पार्टी की ओर दिखाई दे रहा है।

11:04 AM Nov 28, 2022 IST | Desk Team

उत्तर प्रदेश की सात विधानसभा सीटों पर चुनाव होने है।सभी पार्टियां चुनाव में अपना पूरा दमखम दिखने को तैयार है।इस बार समाजवादी पार्टी की हार से निराश मुस्लिम वोटरों का झुकाव अब भारतीय जनता पार्टी की ओर दिखाई दे रहा है।

उत्तर प्रदेश की सात विधानसभा सीटों पर चुनाव होने है।सभी पार्टियां चुनाव में अपना पूरा दमखम दिखने को तैयार है।इस बार समाजवादी पार्टी की हार से निराश मुस्लिम वोटरों का झुकाव अब भारतीय जनता पार्टी की ओर दिखाई दे रहा है। हाल ही में लखीमपुर खीरी की गोला सीट पर हुए उपचुनाव के आंकड़े कुछ ऐसा ही इशारा कर रहे हैं। इसमें मुस्लिम बाहुल्य कुछ बूथों पर भाजपा के वोटों पर अच्छी खासी बढ़ोतरी देखी गई है।
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साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में लखीमपुर की गोला सीट के मुस्लिम बाहुल्य कुछ बूथों पर जहां भाजपा को महज कुछ वोट मिले थे, वहीं उपचुनाव में उसने अच्छा प्रदर्शन किया है। भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के महामंत्री और योगी सरकार के मंत्री दानिश आजाद अंसारी भी इसका दावा कर रहे हैं।
भाजपा के अरविंद गिरी ने सीट जीती थी
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार 2022 के विधानसभा चुनाव में लखीमपुर के हमीदाबाद बूथ पर सपा को 214 और भाजपा को 142 मत प्राप्त हुए थे। ऐसे ही ताजपुर में भाजपा को 166 और सपा को 321 मत मिले थे। यहां से भाजपा के अरविंद गिरी ने सीट जीती थी। उनके निधन से खाली हुई सीट पर अभी हाल में हुए उपचुनाव में भाजपा ने उनके बेटे अमन गिरी को उम्मीदवार बनाया था। इस बार उपचुनाव में इन्ही बूथों पर भाजपा को सपा से ज्यादा वोट मिले हैं। जिला निर्वाचन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक हमीदाबाद में भाजपा को 318 और सपा को 187 वोट मिले। इसी तरह ताजपुर में भाजपा को 280 और सपा को 218 वोट मिले।
मुस्लिम वोटरों की संख्या बहुत अधिक 
प्रदेश की भाजपा सरकार के अल्पसंख्यक मंत्री दानिश आजाद अंसारी कहते हैं कि आजमगढ़ और रामपुर में लोकसभा उपचुनाव हुए। उसमें रामपुर में 50 प्रतिशत मुस्लिम वोटर हैं। इसके आलावा आजमगढ़ में भी मुस्लिम वोटरों की संख्या बहुत अधिक है। दोनों सीटों पर भाजपा को जीत मिली है। इसका तात्पर्य है कि मुस्लिम वोटर का रुझान भाजपा की ओर हो रहा है।
 योजनाओं का लाभ मुस्लिम समाज को मिल रहा है 
दानिश आजाद कहते हैं कि अभी हाल में हुए गोला के उपचुनाव में अल्पसंख्यक बूथों पर भाजपा उम्मीदवार को अच्छा वोट मिला है। उन्होंने दावा किया कि 2022 के चुनाव में बूथ संख्या 158 में 96 वोट कमल को मिले थे, वहीं उपचुनाव में 294 मिले हैं। रसूलपुर में 468 वोट 2022 में मिले थे, लेकिन अभी हाल में हुए उपचुनाव 1077 वोट मिले हैं। मंत्री का कहना है कि इससे साबित होता है कि मुस्लिम समाज अब जागरूक हो रहा है। 
उन्होंने कहा कि इसका मुख्य कारण यह है कि बहुत सारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मुस्लिम समाज को मिल रहा है। चाहे राशन हो या शौचालय या फिर आवास, सब में मुस्लिमों को अच्छी भागीदारी मिली है।राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो अगर यही ट्रेंड आगे भी जारी रहा तो मुख्य विपक्षी दल सपा को अभी उपचुनाव में काफी नुकसान उठाना पड़ेगा। मैनपुरी और खतौली में मुस्लिमों की संख्या ठीक-ठाक है तो रामपुर विधानसभा में यही हार-जीत तय करेंगे।
18वीं विधानसभा में इस बार 34 मुस्लिम प्रतिनिधि
सपा के प्रवक्ता डाक्टर आशुतोष वर्मा की मानें तो जब-जब चुनाव आते हैं तो भाजपा सांप्रदायिक आग लगाती है, चुनाव में 80-20 की बात किसने की थी, भाजपा के नेताओं ने मुस्लिम को टारगेट किया। मुस्लिमों को यह लोग चुनाव में याद करते हैं। मुस्लिम जानते हैं कि उनका भला किस पार्टी से हो सकता है, वो सिर्फ वोटर नहीं देश का नागरिक भी हैं।अगर इस बार चुनावी परिणाम को देखें तो यूपी की 18वीं विधानसभा में इस बार 34 मुस्लिम प्रतिनिधि पहुंचे हैं। इनमें सबसे अधिक 21 मुस्लिम विधायक पश्चिम से चुनकर आये हैं जबकि छह मध्य यूपी से, सात पूर्वांचल से हैं। इनमें 32 विधायक सपा के और दो राष्ट्रीय लोकदल के हैं।
भाजपा ने अपनी रणनीति बनाना शुरू किया 
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक पीएन द्विवेदी कहते हैं कि यूपी में करीब 20 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं और सूबे की कुल 143 सीटों पर मुस्लिम अपना असर रखते हैं। इसी को देखते हुए भाजपा ने अपनी रणनीति बनाना शुरू किया है। केंद्रीय नेताओं ने यूपी के पिछड़े पसमांदा मुस्लिमों को अपने पाले लाने के लिए तरह तरह की योजनाएं बनाई हैं। कई जगह मुस्लिम बुद्धजीवी सम्मेलन भी आयोजित करा चुकी है जिसमें प्रदेश सरकार के मंत्री और केंद्रीय वरिष्ठ नेताओं ने शिरकत की है। अगर उपचुनाव में मुस्लिम मतदाताओं का रूझान भाजपा की ओर हो रहा है, तो विपक्षी दलों के लिए यह खतरे की घंटी है।
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