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UP: 2013 में DSP की हत्या के मामले में CBI कोर्ट ने 10 लोगों को दोषी ठहराया, 9 अक्टूबर को सजा

07:27 AM Oct 05, 2024 IST | Aastha Paswan

Uttar Pradesh: लखनऊ की एक नामित CBI कोर्ट ने शुक्रवार को 2013 में उत्तर प्रदेश के कुंडा में पुलिस उपाधीक्षक (DSP) के पद पर कार्यरत जिया उल हक की हत्या में शामिल होने के लिए 10 लोगों को दोषी ठहराया।

DSP की हत्या के मामले में 10 लोग दोषी

यूपी के लखनऊ में CBI की विशेष अदालत ने उत्तर प्रदेश के कुंडा से डीएसपी रहे जिया उल हक की हत्या के मामले में 10 आरोपियों को दोषी करार दिया है। दोषियों के नाम फूलचंद यादव, पवन यादव, मंजीत यादव, घनश्याम सरोज, राम लखन, छोटे लाल यादव, राम आश्रय, मुन्ना लाल यादव, शिवराम पासी और जगत पाल है।

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शस्त्र अधिनियम के तहत आरोप

CBI मामलों के विशेष न्यायाधीश ने आरोपियों को भारतीय दंड संहिता (IPS) की कई धाराओं के तहत दंगा करने, सरकारी कर्मचारी पर हमला करने और हत्या का दोषी पाया, जिसमें धारा 147 (दंगा), 149 (अवैध रूप से एकत्र होना), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 353 (सरकारी कर्मचारी को ड्यूटी से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 332 (सरकारी कर्मचारी को चोट पहुंचाना) और 302 (हत्या) के साथ-साथ शस्त्र अधिनियम के तहत आरोप शामिल हैं।

2013 को डीएसपी की हुई थी हत्या

दोषी ठहराए गए व्यक्तियों में फूल चंद यादव, पवन यादव, मंजीत यादव, घनश्याम सरोज, राम लखन, छोटे लाल यादव, राम आसरे, मुन्ना लाल पटेल, शिव राम पासी और जगत बहादुर पाल, जिन्हें बुल्ले पाल के नाम से भी जाना जाता है, शामिल हैं। हक की हत्या के संबंध में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के हाटीगांव पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज होने के बाद CBI ने मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी। जांच के अनुसार, 2 मार्च 2013 को डीएसपी जिया उल हक अपनी टीम के साथ ग्राम प्रधान नन्हे यादव की हत्या के बाद कानून व्यवस्था की स्थिति को संभालने के लिए बलीपुर गांव गए थे।

 

9 अक्टूबर को सुनाई जाएगी सजा

CBI के निष्कर्षों के अनुसार, "मृतक नन्हे यादव प्रधान के परिवार के सदस्यों और उनके समर्थकों ने पुलिस पार्टी पर लाठी, डंडों और अन्य घातक हथियारों से हमला किया, उनका पीछा किया और उन पर हमला किया। भीड़ ने सीओ कुंडा को पकड़ लिया, उन पर हमला किया और उनकी हत्या कर दी, जबकि अन्य पुलिसकर्मी भाग निकले।" सीबीआई ने 7 जून 2013 को इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें सुधीर यादव और योगेंद्र यादव समेत 12 लोगों के नाम थे। हालांकि, आरोपी योगेंद्र यादव की सुनवाई के दौरान ही मौत हो गई, जिसके चलते उनके खिलाफ आरोप हटा दिए गए। बाकी बचे आरोपियों में से 10 को दोषी करार दिया गया है, जबकि सुधीर यादव को बरी कर दिया गया है। अदालत ने मामले में सजा सुनाने के लिए 9 अक्टूबर की तारीख तय की है।

(Input From ANI)

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