Uttar Pradesh: नाबालिग लड़कियों को अगवा कर करता था जिस्मफरोशी का धंधा, बेचता था लाखों में..अब चढ़ा पुलिस के हत्थे
Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में मानव तस्करी के गैंग को पकड़ा गया है। कृष्णानगर पुलिस ने इस गैंग का भड़ाफोड़ किया है। पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को मध्य प्रदेश के सीहडोल से गिरफ्तार किया है। वहीं दूसरे आरोपी को राजस्थान के साकेतनगर से दबोचा है। पुलिस के मुताबिक, ये आरोपी पिछले 12 साल से लड़कियों को शादी और जिस्मफरोशी कार्यों के लिए बेचने का गंदा खेल का रैकेट चला रहा था। पुलिस ने इनके कब्जे से दो नाबालिग लड़कियों को बरामद किया है, जिनमें से एक रायबरेली की रहने वाली है।
रेलवे और बस स्टैंड से करता था गायब
पुलिस अधिकारी के अनुसार, गैंग अकेली और भटकी हुई नाबालिग लड़कियों को निशाना बनाता था। (Uttar Pradesh) यह लोग चारबाग रेलवे स्टेशन और आलमबाग बस स्टेशन जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में अकेली लड़कियों को निशाना बनाता था। संतोष साहू इस गैंग का मास्टरमाइंड है। जो पुलिस की भनक लगते ही अपना मोबाइल नंबर बदल लेता था। पूछताछ में उसने कबूल किया कि उसने 12 साल में 15 से अधिक लड़कियों को बेचा और एक लड़की को शादी या अनैतिक कार्यों के लिए 50 हजार से लेकर 2.75 लाख रुपये तक में किसी दूसरे से बेचा जाता था.
इन राज्यों में फैला है नेटवर्क
पुलिस के अनुसार, अबतक 12 से 15 लड़कियों को बेच चुका है। इनमें से कुछ लड़कियों को दूसरे राज्यों में भी तस्करी कर चुका है। (Uttar Pradesh) आरोपियों से पूछताछ में अन्य पीड़िताओं की जानकरी जुटाई जा रही है और इस गैंग के पूरे नेटवर्क को खंगाला जा रहा है। पूछताछ में खुलासा हुआ कि इस गैंग का नेटवर्क उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान में फैला हुआ है.
राजस्थान में सबसे अधिक लड़कियां बेचीं गई
पुलिस ने बताया कि ज़्यादातर लड़कियां राजस्थान में बेची जाती थीं, जहाँ हाल ही में सीकर में एक किशोरी को 2.75 लाख रुपये में बेचा गया था। (Uttar Pradesh) संतोष ने बताया कि वह उन लोगों को निशाना बनाता था जो शादी के लिए लड़कियों को खरीदना चाहते थे और इसके लिए लाखों रुपये देने को तैयार थे। गैंग के मास्टरमाइंड संतोष पर कई जगहों पर मामला दर्ज हैं। इतना ही नहीं संतोष पर 25 हजार का इनाम भी घोषित था।
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