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यूपी BJP को इस हफ्ते मिल सकता है नया प्रदेश अध्यक्ष, गैर-यादव ओबीसी चेहरे पर खेलेगी दांव!

04:15 PM Dec 10, 2025 IST | Bhawana Rawat

Uttar Pradesh New BJP President: उत्तर प्रदेश में बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया तेज हो गई है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि 14 दिसंबर से शुरू होने वाले खरमास से पहले ही BJP अपना नया प्रदेश अध्यक्ष घोषित कर देगी। भाजपा ने मंगलवार को यूपी में अपने संगठनात्मक 84 जिलों की 327 प्रदेश परिषद सदस्यों की सूची घोषित कर दी है। भाजपा के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी का कार्यकाल पहले ही समाप्त हो चुका है। ऐसे में बीजेपी 2026 के पंचायत चुनाव और 2027 विधानसभा चुनाव से पहले अपने संगठन में बड़े बदलाव की तैयारी कर ली है। पार्टी ने गैर-यादव ओबीसी चेहरे पर दांव खेलने की तैयारी की है।

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BJP Latest News: इस हफ्ते यूपी बीजेपी मिल सकता है नया अध्यक्ष

Uttar Pradesh New BJP President (Image- Social Media)

पारंपरिक मान्यतों के अनुसार, खरमास के दौरान कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता हैं। इसी वजह से पार्टी के अंदर नए प्रदेश अध्यक्ष बनने की कवायद तेज हो चुकी है। इसी कड़ी में बीजेपी ने सभी जिलों के 327 प्रदेश परिषद सदस्यों के नाम घोषित कर दिए हैं। ये प्रदेश परिषद ही प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में वोट करेंगे। इसलिए इनके नामों की सूची जारी होने को प्रदेश अध्यक्ष की चुनावी प्रक्रिया की शुरुआत माना जा रहा है।

Who Is The New President Of UP BJP: गैर-यादव ओबीसी पर बीजेपी खेलेगी दांव

Who Is The New President Of UP BJP (Image- Social Media)

सूत्रों की मानें तो बीजेपी उत्तर प्रदेश में अपने संगठन की कमान ओबीसी समुदाय के चेहरे को सौंप सकती है। इस बीच बीजेपी के कई ओबीसी नेताओं के नाम चर्चा में हैं। योगी सरकार में मंत्री धर्मपाल सिंह और केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा के अलावा पूर्व सांसद साध्वी निरंजन ज्योति का नाम पिछले कई दिनों से चर्चा में चल रहा है। बीजेपी अध्यक्ष की रेस में जिन नेताओं के नाम हैं, वो सभी गैर-यादव ओबीसी समाज से आते हैं।

माना जा रहा है कि बीजेपी किसी गैर-यादव ओबीसी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर समाजवादी पार्टी के पीडीए फॉर्मूले की काट करने की रणनीति बनाई है, इस तरह बीजेपी 2017 के सियासी फॉर्मूले पर फिर एक बार कदम बढ़ा रही है, क्योंकि सपा की पीडीए वाली पॉलिटिक्स ने 2024 के चुनाव में तगड़ा झटका दिया था। यही वजह है कि बीजेपी की नजर ओबीसी के बड़े वोटबैंक को साधने की रणनीति पर है।

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