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बागपत जेल में गूंजा अहिंसा और सत्य का संदेश, जैन धर्म गुरुओं ने कैदियों को जीवन में बदलाव लाने की दी प्रेरणा

08:04 PM Dec 09, 2025 IST | Amit Kumar
बागपत जेल में गूंजा अहिंसा और सत्य का संदेश   जैन धर्म गुरुओं ने कैदियों को जीवन में बदलाव लाने की दी प्रेरणा
Uttar Pradesh News

Uttar Pradesh News: बागपत जिला कारागार में मंगलवार को आध्यात्मिक रंग में रंगा हुआ माहौल देखने को मिला। जेल परिसर में जैन धर्म के मुनियों ने कैदियों को अहिंसा, सत्य और सद्कर्मों का महत्व समझाते हुए जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की प्रेरणा दी। जैन मुनि सौम्य सागर महाराज ने बंदियों को संबोधित करते हुए कहा कि आत्मचिंतन और मनन ही जीवन के दोष और विकृतियों को दूर करने का सर्वोत्तम तरीका है। उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति जब गलत काम करता है, तो उसके फलस्वरूप उसे जीवन में दुख और कष्ट झेलने पड़ते हैं। इसलिए मनुष्य को हमेशा सही राह चुननी चाहिए और अपने कर्मों के प्रति सजग रहना चाहिए।

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साथ ही जैन मुनि निश्चल सागर महाराज ने भी कैदियों को प्रेरित करते हुए कहा कि क्षणिक गुस्सा, लोभ या लालच के कारण किए गए गलत फैसले पूरे जीवन को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए मनुष्य को शांति, संयम और सत्य के मार्ग पर चलते हुए अपने भविष्य को बेहतर बनाना चाहिए।

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Uttar Pradesh News: बंदी भाइयों के सुधार के लिए आयोजित कार्यक्रम

बागपत जिला कारागार प्रशासन ने कैदियों के सुधार और उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के उद्देश्य से यह प्रवचन कार्यक्रम आयोजित कराया। बागपत के समाजसेवी अंकुश जैन ने जैन मुनियों को कार्यक्रम के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया था। जेल अधीक्षक प्रशांत मौर्य के निर्देशन में कार्यक्रम हेतु सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ की गईं। जेल प्रशासन का उद्देश्य था कि कैदी अपने खाली समय का उपयोग स्व-अध्ययन, आत्मचिंतन और अच्छे कार्यों में करके अपने भविष्य को नई दिशा दे सकें।

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Baghpat News: सद्कर्मों के महत्व पर जोर

जैन मुनियों ने कहा कि जेल में रहने के दौरान बंदियों के पास पर्याप्त समय होता है। यह समय वे अपने जीवन को समझने, अपनी गलतियों पर विचार करने और आने वाले समय को संवारने में लगा सकते हैं। उन्होंने बताया कि मनुष्य को हमेशा निष्कपट और नेक कार्य करने चाहिए। यही रास्ता उसे कष्टों से दूर रखता है और जीवन में शांति प्रदान करता है। उन्होंने यह भी समझाया कि प्रायश्चित करना और जीवन को बदलने का संकल्प लेना सबसे पहला कदम होता है। यदि मनुष्य अपने भीतर झाँककर अपने दोषों को समझ ले, तो वह आसानी से सही निर्णय ले सकता है और आगे का समय बेहतर बना सकता है।

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कार्यक्रम में मौजूद अधिकारी और गणमान्य व्यक्ति

इस अवसर पर जेल अधीक्षक प्रशांत मौर्य, जेलर कस्तूरीलाल गुप्ता, उपकारापाल प्रशांत कुमार, उपकारापाल रवि प्रकाश, समाजसेवी अंकुश जैन सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने जैन मुनियों के विचारों का स्वागत किया और विश्वास जताया कि ऐसे कार्यक्रम कैदियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

रिपोर्ट: मेहंदी हसन

यह भी पढ़ें: ‘मुसलमान केवल एक अल्लाह की इबादत करता है अल्लाह के सिवा किसी दूसरे को शामिल नहीं कर सकता, मर जाना कबूल लेकिन…’, वंदे मातरम पर मौलाना अरशद मदनी

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अमित कुमार पिछले 3 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय हैं। राजनीति, विदेश, क्राइम के अलावा वायरल खबरें लिखने में माहिर हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ मास कम्यूनिकेशन व भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) से पोस्ट ग्रेजुएट का डिप्लोमा और उत्तर प्रदेश राजश्री टंडन विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई की। इसके बाद वेबसाइट पर लिखने के साथ पत्रकारिता की शुरुआत की और बाद में इंडिया डेली न्यूज चैनल में बत्तौर हिन्दी सब-एडिटर के रूप में वेबसाइट पर काम किया। फिर इसके बाद न्यूज़ इंडिया 24x7 में हिंदी सब-एडिटर की पद पर काम किया। वर्तमान में पंजाब केसरी दिल्ली में हिन्दी सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं।

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