W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

उत्तर प्रदेश : सुपरफूड ज्वार की खेती को बढ़ावा देगी योगी सरकार

कम पानी में होने वाली फसल और किसानों को अधिक लाभ देने के लिए जानी जाने वाली सुपरफूड ज्वार न सिर्फ किसानों को फायदा पहुंचाएगा, बल्कि भोजन की पोषकता भी बढ़ाएगा। अंतर्राष्ट्रीय मिलेट (मोटे अनाज) वर्ष-2023 में योगी सरकार किसानों को ज्वार की खूबियां बताकर उन्हें इसकी खेती के लिए प्रोत्साहित करेगी।

12:48 PM Sep 10, 2022 IST | Desk Team

कम पानी में होने वाली फसल और किसानों को अधिक लाभ देने के लिए जानी जाने वाली सुपरफूड ज्वार न सिर्फ किसानों को फायदा पहुंचाएगा, बल्कि भोजन की पोषकता भी बढ़ाएगा। अंतर्राष्ट्रीय मिलेट (मोटे अनाज) वर्ष-2023 में योगी सरकार किसानों को ज्वार की खूबियां बताकर उन्हें इसकी खेती के लिए प्रोत्साहित करेगी।

उत्तर प्रदेश   सुपरफूड ज्वार की खेती को बढ़ावा देगी योगी सरकार
Advertisement
कम पानी में होने वाली फसल और किसानों को अधिक लाभ देने के लिए जानी जाने वाली सुपरफूड ज्वार न सिर्फ किसानों को फायदा पहुंचाएगा, बल्कि भोजन की पोषकता भी बढ़ाएगा। अंतर्राष्ट्रीय मिलेट (मोटे अनाज) वर्ष-2023 में योगी सरकार किसानों को ज्वार की खूबियां बताकर उन्हें इसकी खेती के लिए प्रोत्साहित करेगी।
Advertisement
उत्तर प्रदेश की औसत उपज 891 किग्रा
ज्वार में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर होते हैं। हर तरह की विटामिन, कैल्शियम, आयरन, जिंक, कॉपर, फास्फोरस की मौजूदगी की वजह से इसे भी बाजरा की तरह सुपरफूड कहा जाता है। डायरेक्टरेट ऑफ इकोनॉमिक्स एंड स्टैटिक्स मिनिस्ट्री ऑफ एग्रिकल्चर के 2013 से 2016 तक के आंकड़ों के अनुसार, भारत में ज्वार की प्रति हेक्टेयर प्रति कुंतल उपज 870 किग्रा है।
इस दौरान उत्तर प्रदेश की औसत उपज 891 किग्रा रही। इस दौरान सर्वाधिक 1814 किग्रा की उपज आंध्र प्रदेश की रही। कृषि विभाग के अद्यतन आंकड़ों के अनुसार 2022 में इसकी उपज बढ़कर 1643 किग्रा हो गई। बावजूद इसके यह शीर्ष उपज लेने वाले राज्य से कम है। उपज का यही गैप उत्तर प्रदेश के लिए संभावना भी है। खेती के उन्नत तरीके, अच्छी प्रजाति के बीजों की बुआई से इस गैप को भरा जा सकता है। अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष का मकसद भी यही है।
Advertisement
जिलों में भी प्रशिक्षण कर्यक्रम चलेंगे
उल्लेखनीय है कि मोटे अनाजों में बाजरा के बाद ज्वार दूसरी प्रमुख फसल है। यह खाद्यान्न एवं चारा दोनों रूपों में उपयोगी है। इसके लिए सिर्फ 40-60 सेंटीमीटर पानी की जरूरत होती है। लिहाजा, इसकी फसल सिर्फ वर्षा के सहारे असिंचित क्षेत्र में भी की जा सकती है।
राज्य स्तर पर दो दिन की एक कार्यशाला आयोजित की जाएगी। इसमें विषय विशेषज्ञ प्रदेशभर से आए प्रगतिशील किसानों को मोटे अनाज की खेती के उन्नत तरीकों, भंडारण एवं प्रसंस्करण के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। जिलों में भी इसी तरह के प्रशिक्षण कर्यक्रम चलेंगे।
इसी क्रम में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत जिन जिलों (झांसी, हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, जालौन, प्रयागराज, हरदोई, मथुरा, फरु खाबाद आदि) में परंपरागत रूप से मोटे अनाजों की खेती होती है, उनमें दो दिवसीय किसान मेले आयोजित होंगे। इसमें वैज्ञानिकों के साथ किसानों का सीधा संवाद होगा। खूबियों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए रैलियां निकाली जाएंगी। राज्य स्तर पर इनकी खूबियों के प्रचार-प्रसार के लिए दूरदर्शन, आकाशवाणी, एफएम रेडियो, दैनिक समाचार पत्रों, सार्वजिक स्थानों पर बैनर, पोस्टर के जरिए आक्रामक अभियान भी चलाया जाएगा।
किसानों को जागरूक करने के लिए व्यापक रणनीति तैयार
इफ्को के क्षेत्रीय प्रबंधक डॉक्टर डी.के. सिंह ने बताया कि भारत में तो हरित क्रांति के पहले प्राचीन काल से ज्वार सहित अन्य मोटे अनाजों की खेती की संपन्न परंपरा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मन की बात में मिलेट्स रिवॉल्यूशन की बात कर चुके हैं। भारत 2018 में मिलेट वर्ष मना चुका है। भारत के प्रस्ताव पर ही संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) ने 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया है। इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मोटे अनाजों की खूबियों के प्रति लोगों एवं किसानों को जागरूक करने के लिए व्यापक रणनीति तैयार की है।
ज्वार की खूबियां यहीं खत्म नहीं होतीं। इसकी खेती किसी तरह की भूमि में की जा सकती है। बस उसमें जलनिकासी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। इसके लिए खेत की भी खास तैयारी नहीं करनी होती। यही नहीं, रोगों के प्रति प्रतिरोधी होने के कारण इसमें कीट नाशकों की जरूरत नहीं पड़ती।
विशेषज्ञों के मुताबिक, ज्वार में कोस्ट्रॉल जीरो, कैलोरी 339, कार्बोहाइड्रेट 74.3 ग्राम। फाइबर 6.3 ग्राम, प्रोटीन 11.3 ग्राम, कुल वसा 3.3 ग्राम। संतृप्त वसा 0.5 ग्राम। मोनोसेचुरेटेड वसा 1.0 ग्राम। पॉलीअनसेचुरेटेड वसा 1.4 ग्राम। ओमेगा-3 फैटी एसिड 65 मिलीग्राम और ओमेगा-6 फैटी एसिड 1305 मिलीग्राम पाए जाते हैं।
Advertisement
Author Image

Advertisement
×