India WorldDelhi NCR Uttar PradeshHaryanaRajasthanPunjabJammu & Kashmir Bihar Other States
Sports | Other GamesCricket
Horoscope Bollywood Kesari Social World CupGadgetsHealth & Lifestyle
Advertisement

ASI ने की और समय की मांग, ज्ञानवापी मस्जिद सर्वेक्षण को पूरा करने के लिए मांगे आठ सप्ताह

11:30 AM Sep 03, 2023 IST
Advertisement
पिछले कई वक़्त से ज्ञानवापी में ASI टीम द्वारा छान-बीन जारी थी।  जिसके दौरान कई अहम् सबूतों को भी बरामद किये गए थे।  लेकिन ASI टीम के लिए छान-बीन की वो अवधि काफी कम पड़ गयी।  जिस कारण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण  ने वाराणसी के अदालत में और समय देने के लिए गुहार लगाईं है।  जी हाँ उन्होंने कोर्ट में एक आवेदन दायर किया है जिसमें उन्होंने  ज्ञानवापी मस्जिद सर्वेक्षण की अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए आठ सप्ताह का और समय मांगा है। इसकी समय सीमा दो सितंबर को समाप्त हो गई।एएसआई 4 अगस्त से ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सीलबंद हिस्से को छोड़कर बैरिकेड वाले क्षेत्र में सर्वेक्षण कर रहा है।एएसआई की ओर से भारत सरकार के स्थायी सरकारी वकील अमित कुमार श्रीवास्तव ने अर्जी दाखिल की।
अदालत के सामने रखा प्रार्थना पत्र 
श्रीवास्तव ने कहा,हमने अदालत से प्रार्थना की कि ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण की रिपोर्ट जमा करने के लिए एएसआई को आठ सप्ताह का और समय दिया जाए, क्योंकि सर्वे अभी चल रहा है।श्रीवास्तव ने कहा, हमारा आवेदन अतिरिक्त जिला न्यायाधीश की अदालत के समक्ष रखा गया। उन्‍होंने मामले को सुनवाई के लिए जिला न्यायाधीश के समक्ष रखने का निर्देश दिया।उन्होंने यह भी कहा कि कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए कोई तारीख तय नहीं की है।
श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामले में वादी संख्या 2 से 5 के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा, सर्वेक्षण अभी भी चल रहा है। इसलिए, एएसआई ने सर्वेक्षण पूरा करने और रिपोर्ट जमा करने के लिए और समय मांगा है।
मस्जिद कमेटी ने कहा इसके खिलाफ आपत्ति दर्ज कराएंगे
ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी (एआईएमसी) के वकील मुमताज अहमद ने कहा, हम इसके खिलाफ आपत्ति दर्ज कराएंगे। गौरतलब है कि वाराणसी जिला न्यायाधीश की अदालत के एक आदेश के अनुपालन में, एएसआई ज्ञानवापी मस्जिद में वैज्ञानिक जांच/सर्वेक्षण कर रहा है।एएसआई के आवेदन में कहा गया है कि पुरातत्वविदों, पुरातात्विक रसायनज्ञों, पुरालेखविदों, सर्वेक्षणकर्ताओं और अन्य विशेषज्ञों की एक टीम वैज्ञानिक जांच और दस्तावेज़ीकरण में लगी हुई है।
Advertisement
Next Article