कांग्रेस के निशाने पर बहुजन समाज पार्टी की मायावती ! जाने क्यों ?
देश में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों अलग-अलग तरीके से जनता को अपनी तरफ आकर्षित करने की मुहिम शुरू कर चुकी है। इसी तरह कांग्रेस ने भी अपने अलग-अलग पैतरों को आजमाने का अलग तरीका ढूंढ रखा है। उत्तर प्रदेश के लिए कांग्रेस अपनी एक अलग ही तैयारी कर रही है जी हां उत्तर प्रदेश में 22 फीसदी दलित मतदाता है जो किसी भी चुनाव में बड़ी निर्णायक भूमिका निभाते हैं ऐसे बीजेपी से लेकर सपा बसपा और कांग्रेस सभी पार्टियों दलितों को अपनी तरफ लुभाने की कोशिशें में लग चुकी है। और यही कारण है कि बसपा के संस्थापक कांशीराम की जयंती यानी की 9 अक्टूबर के दिन कांशीराम के जरिए दलितों को लुभाकर अपने खेमे में लाने की कोशिश कर रही थी बहुजन समाज पार्टी। और यही कारण है कि कांग्रेस काशीराम की जयंती के मौके पर उत्तर प्रदेश के दलित संवाद दलित गौरव यात्रा की शुरुआत करने की घोषणा करती है और उनके निशाने में अभी मायावती है जो कि बहुजन समाज पार्टी की एक बड़ी नेता के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री भी रह चुकी है जिनके वोट बैंकों में दलितों की संख्या भारी मात्रा में है।
क्या है कांग्रेस का लक्ष्य?
कांग्रेस के एक संवाद श्रृंखला के ज़रिये ये बताया गया है कि 45 दिनों में लगभग वो 1 लाख से ज्यादा दलित परिवारों को लुभाने की कोशिश करेगी इतना ही नहीं बल्कि उनके यात्रा के दौरान 75 जिलों में लगभग 4, 000 रात्रि चौपाल भी आयोजित करेगी हर कार्यक्रम के दौरान उसके बारे में जानकारी देगी जिसका एक संवाददाता सम्मेलन भी होगा। मल्लिकार्जुन खड़गे के जरिए दलित वोटो को अपनी ओर आकर्षित करना चाहेगी। क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे खुद एक दलित है जो पश्चिमी यूपी में संवाद कार्यक्रम में भाग भी ले सकते हैं इतना ही नहीं बल्कि चर्चा यह भी है कि मल्लिका अर्जुन खड़गे को उत्तर प्रदेश से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी की जा रही है।