प्रयागराज में अतीक के बेटों के स्वागत का जश्न, समर्थकों ने शेर इज बैक के लगाए नारे
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद के दो बेटों के बाल गृह से बाहर आने पर प्रयागराज के हटवा गांव में जश्न मना। इस दौरान अतीक के समर्थकों ने शेर इज बैक के नारे भी लगाए।उन्होंने पटाखे फोड़कर आतिशबाजी भी की।अतीक के बेटों के बाल संप्रेक्षण गृह से हटवा जाने के बाद मंगलवार को सोशल मीडिया पर जश्न का वीडियो वायरल हुआ। इसमें कुछ लड़के पटाखा बजा रहे तो कुछ पुलिस जीप के दूसरी ओर घोड़े से चल रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, उमेश पाल हत्याकांड के बाद पुलिस ने अतीक के दो नाबालिग बेटों को बाल संरक्षण गृह पहुंचा दिया था। दोनों 221 दिन तक बालगृह में रहे। इनमें से अहजम पिछले दिनों बालिग हो गया। तब उसके बाल गृह में रहने की गुंजाइश खत्म हो गई। दोनों बेटों के बाल गृह में रहने के दौरान ही उनके पिता माफिया अतीक अहमद और चाचा अशरफ की हत्या हो गई थी। इसके अलावा एक भाई असद पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था। जबकि मां शाइस्ता परवीन उमेश पाल हत्याकांड के बाद से ही फरार चल रही है। अतीक के दो अन्य बेटे उमर और अली जेल में हैं।
मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा
अतीक के घर को बुलडोजर एक्शन के तहत जमींदोज किया जा चुका है। इन हालात में अतीक के ये दोनों बेटे बाल गृह से निकलकर कहां जाएंगे? इस पर सवाल था। दोनों बेटों की सुरक्षा का भी बड़ा सवाल है। अतीक के इन दोनों बेटों की सुपुर्दगी उनकी बुआ ने मांगी थी। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा।
दोनों भाइयों ने दर्ज कराया अपना बयान
दोनों भाइयों ने जब अपना बयान दर्ज कराया था तो अतीक के छोटे बेटे ने कहा था कि उसे सेंट जोसेफ कॉलेज में ही पढ़ना है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता ने सेंट जोसेफ कॉलेज के प्रिंसिपल थॉमस कुमार की रिपोर्ट भी ली थी।प्रिंसिपल ने भी कहा था वह दोनों को कॉलेज में पढ़ाई जारी रखने देने के लिए तैयार हैं। स्कूल में 75 प्रतिशत हाजिरी जरूरी है। हालांकि, अतीक के बेटे अहजम और उसके नाबालिग भाई को कॉलेज की अटेंडेंस में छूट मिली हुई थी। सुरक्षा कारण हो या फिर कुछ और लेकिन इस मामले में कॉलेज ने उन्हें रियायत दे रखी है।
सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस भी सतर्क
तो वहीं दूसरी तरफ, माफिया अतीक अहमद के दोनों बेटों को रखने से उसी के गढ़ में उसी के बच्चों को लोग शरण नहीं दे रहे। अतीक की बहन के मकान मालिक ने भी दोनों बच्चों को अपने घर पर रखने से इनकार कर दिया है। दोनों बच्चों को अशरफ की ससुराल हटवा स्थित गांव में किसी रिश्तेदार के यहां शरण मिली है। मंगलवार को दोनों बेटे घर से बाहर नहीं निकले। उनकी सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस भी सतर्क है।