CM योगी बोले - UP बनेगा देश का सबसे बड़ा ग्रीन हाइड्रोजन निर्माता
12:36 AM Sep 01, 2023 IST
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ग्लोबल वार्मिंग एवं जलवायु परिवर्तन के दृष्टिगत प्रदेश में स्वच्छ एवं हरित ऊर्जा उत्पादन स्रोतों को प्रोत्साहित करने के लिए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपीनेडा के अधिकारियों के साथ यूपी ग्रीन हाइड्रोजन नीति-2023 की तैयारियों की समीक्षा की।
सीएम योगी ने मीटिंग में अधिकारियों को नई ग्रीन हाइड्रोजन नीति के ड्राफ़्ट में संशोधन करते हुए एक प्रभावी ड्राफ़्ट तैयार करने के निर्देश दिए। साथ ही इस क्षेत्र में काम करने वाले स्टेक होल्डर से भी परामर्श लेने के निर्देश दिए, ताकि नीति के तहत निवेशकों और उपयोगकर्ताओं को इसका ज़्यादा से ज़्यादा फ़ायदा मिले।
मीटिंग में सीएम योगी ने कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन स्वच्छ ऊर्जा और औद्योगिक ईंधन होने के कारण नेट जीरो के लक्ष्य को हासिल करने में मददगार साबित होगा। ऐसे में विभाग को ग्रीन हाइड्रोजन नीति के संबंध में भारत सरकार की नीति का गहनता से अध्ययन कर प्रभावी नीति तैयार करनी चाहिए।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने आगे बताया कि ग्रीन हाइड्रोजन के निर्माण में पानी का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। यूपी में नदियों की भरमार है। हम इसका फ़ायदा उठाकर देश के सबसे बड़े ग्रीन हाइड्रोजन निर्माता बन सकते हैं। इसके लिए उन्होंने विभाग को सिंचाई विभाग से समन्वय बनाकर प्रदेश की छोटी बड़ी नदियों के पास रिज़र्व वॉटर बनाकर बरसात के पानी का उपयोग ग्रीन हाइड्रोजन बनाने के लिए करने को निर्देशित किया। साथ ही ग्रीन हाइड्रोजन एनर्जी पर काम करने वाली फ़र्मों को ज़्यादा से ज़्यादा इंसेंटिव देकर प्रोत्साहित करने के भी निर्देश दिए।
सीएम ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) 2023 के दौरान यूपी को ग्रीन हाइड्रोजन क्षेत्र में इकाइयां स्थापित करने के लिए 20 कंपनियों से 2.73 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इससे 60,000 से अधिक लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। राज्य सरकार जीआईएस-2023 में हस्ताक्षरित सभी एमओयू को ईमानदारी से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। ऐसे में हमें अपनी जवाबदेही तय करने के लिए जल्द से जल्द ग्रीन हाइड्रोजन नीति लागू करनी होगी।
सीएम योगी ने अधिकारियों से हरित हाइड्रोजन के क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए सुधारों के लिए तैयार रहने को कहा। इसके लिए प्रदेश में हर स्तर पर निवेशकों के लिए हर दरवाजे खोलने होंगे। सीएम ने कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन की उत्पादन लागत ग्रे हाइड्रोजन की तुलना में अधिक है, जिसका उत्पादन वर्तमान में प्राकृतिक गैस का उपयोग करके किया जा रहा है। अतः हरित हाइड्रोजन परियोजनाओं को गति देने के लिए प्रारंभिक चरण में विभिन्न प्रोत्साहन प्रदान करना आवश्यक एवं उचित है। ऐसे में यूपी हरित हाइड्रोजन नीति 2023 के प्रारूप का उद्देश्य राज्य में विकास और रोजगार को बढ़ावा देने के साथ-साथ कार्बन मुक्त और जलवायु परिवर्तन के लक्ष्यों में राज्य के योगदान को पूरा करने के साथ-साथ हरित हाइड्रोजन/अमोनिया उत्पादन, बाजार निर्माण करना है। और मांग एकत्रीकरण को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए, ताकि राज्य में हरित हाइड्रोजन/अमोनिया अर्थव्यवस्था बनाने के लिए एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाया जा सके।
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