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Hathras Incident : उत्तर प्रदेश के मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने उन्नाव की घटना के पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और आश्वासन दिया कि घायलों के इलाज के लिए बेहतर व्यवस्था की जाएगी। हाथरस की घटना में एसआईटी रिपोर्ट को लेकर यूपी सरकार और भोले बाबा पर निशाना साधने के लिए बसपा प्रमुख मायावती पर निशाना साधते हुए मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा, 'यह घटना पर राजनीति करने का नहीं बल्कि पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करने का समय है। हाथरस की घटना बहुत बड़ी थी।'
Highlight :
इससे पहले, हाथरस भगदड़ पर विशेष जांच दल द्वारा अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपे जाने के बाद कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने आश्वासन दिया कि किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। हाथरस के सिकंदराराऊ में सूरज पाल सिंह उर्फ भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ के कारण 121 श्रद्धालुओं की मौत के मामले में पांच दिनों की गहन जांच के बाद विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है।
हाथरस में भगदड़ की जांच कर रही विशेष जांच दल ने अपने कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही बरतने के लिए छह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की, जिसके बाद उन्हें उनकी सेवाओं से निलंबित कर दिया गया है। स्थानीय एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, इंस्पेक्टर और चौकी प्रभारी को अपने कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
निलंबित अधिकारियों में सिकंदराराऊ के उपजिलाधिकारी, सिकंदराराऊ के पुलिस क्षेत्राधिकारी, सिकंदराराऊ के थानाध्यक्ष, सिकंदराराऊ के तहसीलदार, कचौरा के चौकी प्रभारी और पोरा के चौकी प्रभारी शामिल हैं। जांच समिति ने कार्यक्रम आयोजक और तहसील स्तरीय पुलिस व प्रशासन को भी दोषी पाया। भगदड़ की जांच कर रही एसआईटी ने 119 बयान दर्ज किए और मंगलवार को रिपोर्ट पेश की, जिसमें कहा गया कि सत्संग का आयोजन करने वाली समिति ही अनुमति से अधिक लोगों को आमंत्रित करने के लिए जिम्मेदार है।