Mayawati गठबंधन के लिए तैयार, INDIA में शामिल होने के लिए रखी बड़ी शर्त
05:29 PM Sep 02, 2023 IST
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इंडिया गठबंधन में मायावती को लेकर पहले खुब चर्चा हो रही थी की क्यो वो इस गठबंधन में शामिल होगी या नहीं फिर कुछ दिन बाद बसपा की मुखिया ने ही बयान देते हुए कहा था कि वो किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगी की वो अकेले ही चुनाव लड़ेगी ।
मायावती इंडिया गठबंधन का हो सकती है हिस्सा
लेकिन इंडिया गठबंधन की मजबूती को देखते हुए मायावती इंडिया गठबंधन का हिस्सा बनने के संकेत दिए है। उन्होंने एक शर्त भी रखी है। बता दें विपक्षी दल बसपा को साथ लेने की कोशिश कर रही है । सूत्रों के मुताबिक विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ में शामिल लोगों ने मायावती से संपर्क साधा है।
INDIA’ में शामिल होने के लिए रखी बड़ी शर्त
मायावती ने विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ में शामिल होने के लिए एक बड़ी शर्त रखी है जिसे लेकर मुंबई में होने वाली बैठक में बातचीत भी हुई। ऐसे में बसपा की शर्तों पर सहमति बनती है तो फिर मायावती विपक्षी गठबंधन का हिस्सा होंगी
मायावती ने रखी ये शर्त
कहा जा रहा है कि मायावती ने यूपी की कुल 80 लोकसभा सीटों में से 40 सीटों की डिमांड रखी है। और आधी सीटें बसपा मांग रही है, जिसे लेकर विचार-विमर्श हो रहा है इसके बाद ही फैसला किया जाएगा। गठबंधन की ओर से जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने मायावती से बात की है, इसी दौरान मायावती ने पार्टी का रुख उनके सामने रखा और अपनी डिमांड भी बताई। एसे में विपक्षी गठबंधन के बीच सहमति बनती है तो बसपा INDIA का हिस्सा बन सकती है।
बीएसपी के कई नेता गठबंधन में शामिल होने की कर रहे बात
मायावती भले ही गठबंधन से इंकार कर रही हों, लेकिन उनकी पार्टी के नेता और कई मौजूदा सांसद दबी जुबान से गठबंधन के पक्ष में हैं। इसकी वजह यह है कि बसपा के अकेले चुनाव लड़ने का हश्र सभी सांसद, विधायक 2014 के लोकसभा और 2022 के विधानसभा चुनाव में देख चुके हैं। करारी हार के बाद मायावती को उनके नेता सलाह दे रहे है।
गठबंधन से बसपा को फायदा होगा
इन सबके बीच बड़ा सवाल है कि गठबंधन से बसपा को कितना फायदा होगा इसके बारे में बात करें तो बसपा को गठबंधन की सियासत में हमेशा ही राजनीतिक लाभ मिला है।
2019 में गठबंधन से 10 सांसद जीते
2019 में गठबंधन के चलते बसपा जीरो से 10 सांसदों पर पहुंच गई इसके बाद 2022 में अकेले चुनाव लड़ने के चलते बसपा यूपी में एक सीट पर सिमट गई थी। 2014 में बसपा का खाता भी नहीं खुला था। इसके चलते ही बसपा के नेता भी गठबंधन के पक्ष में खड़े हैं। मायावती अकेले चुनाव लड़ने की बात क्यों करती है।
मायावती अकेले चुनाव लड़ने की बात इसलिए करती रही है क्योंकी उनका मानना है कि बसपा के पास यूपी में एक विधायक है, इस आधार पर कैसे सीट शेयरिंग के फॉर्मूले पर बात कर सकेंगी।
मायावती गठबंधन में चाहती है अहम रोल
मायावती किसी भी गठबंधन का हिस्सा तभी बनेंगी, जब उन्हें अहम रोल में रखा जाएगा । बता दें यूपी से समाजवादी पार्टी विपक्षी गठबंधन का हिस्सा है। अखिलेश यादव के हाथ में इसकी कमान है इसलिए ये बात मायावती को ठीक नहीं लग रही है इसलिए वो इस गठबंधन से दूर थी लेकिन अब बसपा की स्थिती सुधारने के लिए मायावती गठबंधन कर सकती है । सपा बसपा में सीट शेयरिंग पर सहमती के बात गठबंधन का रास्ता साफ हो पाएगा।
मायावती इंडिया गठबंधन का हो सकती है हिस्सा
लेकिन इंडिया गठबंधन की मजबूती को देखते हुए मायावती इंडिया गठबंधन का हिस्सा बनने के संकेत दिए है। उन्होंने एक शर्त भी रखी है। बता दें विपक्षी दल बसपा को साथ लेने की कोशिश कर रही है । सूत्रों के मुताबिक विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ में शामिल लोगों ने मायावती से संपर्क साधा है।
INDIA’ में शामिल होने के लिए रखी बड़ी शर्त
मायावती ने विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ में शामिल होने के लिए एक बड़ी शर्त रखी है जिसे लेकर मुंबई में होने वाली बैठक में बातचीत भी हुई। ऐसे में बसपा की शर्तों पर सहमति बनती है तो फिर मायावती विपक्षी गठबंधन का हिस्सा होंगी
मायावती ने रखी ये शर्त
कहा जा रहा है कि मायावती ने यूपी की कुल 80 लोकसभा सीटों में से 40 सीटों की डिमांड रखी है। और आधी सीटें बसपा मांग रही है, जिसे लेकर विचार-विमर्श हो रहा है इसके बाद ही फैसला किया जाएगा। गठबंधन की ओर से जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने मायावती से बात की है, इसी दौरान मायावती ने पार्टी का रुख उनके सामने रखा और अपनी डिमांड भी बताई। एसे में विपक्षी गठबंधन के बीच सहमति बनती है तो बसपा INDIA का हिस्सा बन सकती है।
बीएसपी के कई नेता गठबंधन में शामिल होने की कर रहे बात
मायावती भले ही गठबंधन से इंकार कर रही हों, लेकिन उनकी पार्टी के नेता और कई मौजूदा सांसद दबी जुबान से गठबंधन के पक्ष में हैं। इसकी वजह यह है कि बसपा के अकेले चुनाव लड़ने का हश्र सभी सांसद, विधायक 2014 के लोकसभा और 2022 के विधानसभा चुनाव में देख चुके हैं। करारी हार के बाद मायावती को उनके नेता सलाह दे रहे है।
गठबंधन से बसपा को फायदा होगा
इन सबके बीच बड़ा सवाल है कि गठबंधन से बसपा को कितना फायदा होगा इसके बारे में बात करें तो बसपा को गठबंधन की सियासत में हमेशा ही राजनीतिक लाभ मिला है।
2019 में गठबंधन से 10 सांसद जीते
2019 में गठबंधन के चलते बसपा जीरो से 10 सांसदों पर पहुंच गई इसके बाद 2022 में अकेले चुनाव लड़ने के चलते बसपा यूपी में एक सीट पर सिमट गई थी। 2014 में बसपा का खाता भी नहीं खुला था। इसके चलते ही बसपा के नेता भी गठबंधन के पक्ष में खड़े हैं। मायावती अकेले चुनाव लड़ने की बात क्यों करती है।
मायावती अकेले चुनाव लड़ने की बात इसलिए करती रही है क्योंकी उनका मानना है कि बसपा के पास यूपी में एक विधायक है, इस आधार पर कैसे सीट शेयरिंग के फॉर्मूले पर बात कर सकेंगी।
मायावती गठबंधन में चाहती है अहम रोल
मायावती किसी भी गठबंधन का हिस्सा तभी बनेंगी, जब उन्हें अहम रोल में रखा जाएगा । बता दें यूपी से समाजवादी पार्टी विपक्षी गठबंधन का हिस्सा है। अखिलेश यादव के हाथ में इसकी कमान है इसलिए ये बात मायावती को ठीक नहीं लग रही है इसलिए वो इस गठबंधन से दूर थी लेकिन अब बसपा की स्थिती सुधारने के लिए मायावती गठबंधन कर सकती है । सपा बसपा में सीट शेयरिंग पर सहमती के बात गठबंधन का रास्ता साफ हो पाएगा।
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