UP में 69 हजार शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट रद्द, नये सिरे से जारी करें परिणाम -HC
UP: उत्तर प्रदेश की 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट का बड़ा फैसला। इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने शुक्रवार (16 अगस्त) को अपना फैसला सुनाते हुए इस भर्ती की पूरी मेरिट लिस्ट को ही रद्द कर दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने तीन महीने के अंदर नई मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने नई मेरिट लिस्ट में आरक्षण के नियमों और बेसिक शिक्षा नियमावली का पालन करने के आदेश दिया है।
इससे पहले एकल पीठ ने 69 हजार अभ्यर्थियों की चयन सूची पर पुनर्विचार करने के साथ-साथ 6800 अभ्यर्थियों की पांच जनवरी 2022 की चयन सूची को खारिज कर दिया था। न्यायमूर्ति ए आर मसूदी और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की पीठ ने महेंद्र पाल और अन्य की ओर से एकल पीठ के आदेश के खिलाफ दायर की गयी 90 विशेष अपीलों को एक साथ निस्तारित करते हुए नयी सूची बनाने के आदेश दिये।
हाई कोर्ट की डबल बेंच ने इस आदेश को संशोधित करते हुए आरक्षण नियमावली 1994 की धारा 3 (6) और बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 का पालन करने का सरकार को आदेश दिया है। सामान्य सीट पर अगर आरक्षित वर्ग का कैंडिडेट सामान्य कैंडिडेट के बराबर अंक लाता है, तो उसको सामान्य वर्ग में रखा जाएगा। बाकी को 27 फीसदी और 21 फीसदी सीटों को ओबीसी और एससी से भरा जाएगा।
शिक्षक भर्ती सीटों में हुआ है घोटाला
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सीएम योगी ने कहा था कि 69000 शिक्षक भर्ती में ओबीसी की और एससी की सीटों के साथ कोई घोटाला नहीं किया गया है, लेकिन उसके कुछ दिन बाद ही हाई कोर्ट ने कहा कि बड़े स्तर पर 69000 शिक्षक भर्ती में सीटों का घोटाला हुआ है। अभ्यर्थियों ने पूरी भर्ती पर सवाल उठाते हुए 19 हजार पदों पर आरक्षण घोटाला का आरोप लगाया था। इसके साथ ही इलाहाबाद हाई कोर्ट से योगी सरकार को बड़ा झटका लगा है।
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