यूपी को बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की तैयारी में जुटी सरकार
UP News: योगी सरकार प्रदेश को बिजली उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में जुटी हुई है। इसी साल 10 लाख करोड़ से अधिक के निवेश धरातल पर उतरने के बाद बड़े स्तर पर बिजली की मांग बढ़ेगी। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सरकार अगले तीन साल में 10 नए थर्मल पॉवर प्लांट के जरिए तकरीबन 5255 मेगावॉट बिजली उत्पादन में बढ़ोतरी करेगी।
यूपी को बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर
राज्य में बढ़ते निवेश के साथ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश सरकार अगले तीन वर्षों में 10 नए थर्मल पावर प्लांट के माध्यम से लगभग 5,255 मेगावाट बिजली उत्पादन बढ़ाने की योजना बना रही है। इस साल 10 लाख करोड़ से अधिक का निवेश होने वाला है। इसके साथ ही, राज्य में बिजली की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है।
आत्मनिर्भर बनाने की दिशा निर्देश
उत्तर प्रदेश सरकार राज्य को बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है। इसके अलावा, 2030 तक, राज्य में तीन मौजूदा इकाइयों के विस्तार से 5120 मेगावाट अतिरिक्त बिजली उत्पादन होगा। प्रदेश में जिन दस नए ताप विद्युत गृहों के शुरू होने की संभावना है, उनमें 660 मेगावाट की ओबरा सी यूनिट-2 (सितंबर 2024 तक), 660 मेगावाट की जवाहरपुर यूनिट-2 (जुलाई 2024 तक), 561 मेगावाट की घाटमपुर यूनिट-1 (जुलाई 2024 तक), 660 मेगावाट की पनकी यूनिट (जुलाई 2024 तक), 561 मेगावाट की घाटमपुर यूनिट-2 (दिसंबर 2024 तक), 561 मेगावाट की घाटमपुर यूनिट-3 (मार्च 2025 तक), 396 मेगावाट की खुर्जा एसटीपीपी यूनिट-1 और 396 मेगावाट की यूनिट-2 (मई 2025 तक), 400 मेगावाट की सिंगरौली स्टेज थ्री यूनिट-1 (अगस्त 2027 तक) और 400 मेगावाट की सिंगरौली स्टेज थ्री यूनिट-2 (अगस्त 2027 तक) शामिल हैं। इन सभी बिजलीघरों के शुरू होने से प्रदेश में 5255 मेगावाट अतिरिक्त बिजली का उत्पादन होगा। योगी सरकार का लक्ष्य 2030 तक प्रदेश की बिजली उत्पादन क्षमता को 5120 मेगावाट तक बढ़ाना भी है।
इसमें तीन मौजूदा इकाइयों की क्षमता का विस्तार करना शामिल है: ओबरा डी-2 की क्षमता बढ़ाकर 1600 मेगावाट, अनपरा ई-2 की क्षमता बढ़ाकर 1600 मेगावाट और मेजा 2 की क्षमता बढ़ाकर 1920 मेगावाट की जाएगी। वर्तमान में प्रदेश के सभी ताप विद्युत संयंत्रों से करीब 6500 मेगावाट बिजली पैदा होती है। इसके अलावा जल, पवन और सौर ऊर्जा समेत विभिन्न स्रोतों से बिजली का उत्पादन होता है। हालांकि पिछले दशकों में बिजली उत्पादन की उपेक्षा के कारण प्रदेश में बिजली की खपत और उत्पादन में काफी अंतर है। इस गर्मी में प्रदेश की बिजली की मांग 30 हजार मेगावाट से अधिक हो गई। इस मांग को पूरा करने और 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए दूसरे राज्यों और निजी क्षेत्र से बिजली खरीदी गई।
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